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बिना चर्चा के ही धन्यवाद प्रस्ताव पारित, कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

बिना चर्चा के ही धन्यवाद प्रस्ताव पारित, कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नयी दिल्ली, 13 फरवरी (वार्ता) संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कोई चर्चा नहीं हुई और बिना चर्चा के ही धन्यवाद प्रस्ताव पारित करके सदन की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी।

इकतीस जनवरी को संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुए बजट सत्र में अंतरिम बजट, लेखानुदान और विनियोग तथा वित्त विधेयक पर भी चर्चा नहीं हुई और इन्हें भी बिना चर्चा के सदन ने पारित कर दिया और लोकसभा को लौटा दिया।

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण, बजट तथा विनियोग विधेयक एवं लेखानुदान पर चर्चा हुई लेकिन राज्यसभा में रोज गतिरोध होने के कारण बुधवार को इन्हें सर्वसम्मत्ति से ध्वनिमत से पारित करा दिया गया। इस सत्र में भी तीन तलाक से सम्बंधित विधेयक और नागरिकता संशोधन विधेयक लटक गया।

शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 13 अंक वाली रोस्टर प्रणाली और केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई तथा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को विमान में चढ़ने से रोके जाने जैसी घटनाओं का इतना तीखा विरोध हुआ कि सदन में एक दिन भी कोई काम काज नहीं हो सका।

सत्र के अंतिम दिन राफेल सौदे से जुड़ी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट बुधवार को सदन में पेश की गयी। इसके अलावा एक और विधेयक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान विधेयक 2019 पेश किया गया और दो विधेयक भी बिना चर्चा के ही पारित कराये गये।

सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करते हुए इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि इस सत्र में 48 घंटे में से 44 घंटे हंगामे के कारण बर्बाद हो गये और कुल 10 बैठकों में केवल दो घंटे से अधिक समय तक काम काज हो पाया।

श्री नायडू ने सदस्यों को अपने आचरण पर आत्मावलोकन करने की एक बार फिर सलाह दी और कहा कि लोकतंत्र में जनता के प्रति हमारी जवाबदेही होती है और हमें उनकी आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने का काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सदन में बार-बार होने वाले हंगामे और शोर-शराबे को देखते हुए सदन को चलाने के वास्ते नियमों में बदलाव करने के लिए जो समिति उन्होंने गठित की थी उसकी रिपोर्ट आ गयी है। अब यह रिपोर्ट सदन की एक समिति को पेश की गयी है जो उसका अध्ययन कर अपनी सिफारिशें देगी।

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि राज्यसभा टेलीविजन को यू-ट्यूब पर देखने वालों की संख्या पांच गुनी बढ़ गयी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में सभी दलों के सदस्य सदन को कारगर ढंग से चलने में मदद करेंगे और देश के विकास और जनता की बेहतरी के लिए काम करेंगे।

अरविन्द.श्रवण

वार्ता

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