Tuesday, Apr 23 2024 | Time 13:17 Hrs(IST)
image
पार्लियामेंट


मोटरयान संशोधन विधेयक में राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण: विपक्ष

मोटरयान संशोधन विधेयक में राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण: विपक्ष

नयी दिल्ली 23 जुलाई (वार्ता) विपक्ष ने मोटरयान संशोधन विधेयक में राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण किये जाने का आरोप लगाते हुए सरकार से कहा कि वह विधेयक में प्रवर समिति की सिफारिशों को जगह दे और राज्यों को विश्वास में ले तभी इसे प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सकेगा।

मोटरयान संशोधन विधेयक पर कल शुरू चर्चा को आगे बढ़ाते हुए द्रविड़ मुनेत्र कषगम की कनिमोढ़ी ने कहा कि विधेयक में प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल नहीं किया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सदन में वादा किया है लेकिन आने वाले समय में राजनीतिक बदलाव के बाद भी उन वादों की कोई अहमियत रह जाएगी, इसका वादा कोई नहीं कर सकता है।

उन्होंने कहा कि विधेयक में कई मायनों में राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण किया गया है। उन्होंने वाणिज्यिक वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता समाप्त करने के निर्णय की आलोचना की और कहा कि आधुनिक गाड़ियों में कंप्यूटराइज़्ड सिस्टम लगे होते हैं। सड़कों पर यातायात संकेतों को पढ़ने के लिए भी वाहन चालक का शिक्षित होना जरूरी है।

तृणमूल कांग्रेस के प्रो. सौगत राय ने कहा कि यातायात नियमों के अनुपालन को लेकर कड़े दंडात्मक प्रावधानों का वह समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के कुछ प्रावधानाें से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में होने वाला भ्रष्टाचार डीलर के शोरूम में स्थानांतरित हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में परिवहन एवं सड़कों के विकास को देखकर लगता है कि यह विकास कार चलाने वालों के लिए हो रहा है। सार्वजनिक परिवहन पर फोकस रहना जरूरी है। उन्होंने श्री गडकरी को सपनों का सौदागर बताया और कहा कि देश को बड़ा सोचने वालों की जरूरत है। कम से कम उस दिशा में कोई तो शुरुआत हो सकेगी। उन्होंने कहा कि कानून कड़ा बनाने से काम नहीं चलने वाला है, राज्यों को विश्वास में लेना होगा तभी उनका कड़ाई से क्रियान्वयन हो पायेगा।

वाईएसआर कांग्रेस के एल श्रीकृष्ण ने कहा कि देश में सड़काें का विकास हुआ है लेकिन ड्राइविंग की दशाएं खराब हुईं हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों के इतने विकास के बावजूद हर मिनट एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत होना चिंताजनक है। सरकार को तमिलनाडु के अनुभव से सीख लेनी चाहिए जहां दुर्घटनाओं में 14 प्रतिशत की कमी अायी है। उन्होंने सड़कों की तीसरे पक्ष से सेफ्टी ऑडिट कराने की भी मांग की।

शिवसेना के प्रताप जाधव ने कहा कि राजमार्गों पर हर 50 किलोमीटर पर एक ट्रॉमा सेंटर बनाया जाना चाहिए ताकि दुर्घटना होने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता मिल सके। इससे मौतों की संख्या कम हो सकेगी। श्री जाधव ने वाहन चालकों के नेत्र परीक्षण के साथ संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की जरूरत पर बल दिया।

जनता दल यूनाइटेड के कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि जुर्माना बढ़ाने के साथ-साथ जागरुकता बढ़ाने की भी जरूरत है। बीजू जनता दल की चंद्राणी मुर्मू ने वाहन चालकों की न्यूनतम शिक्षा कम होने के प्रावधान को खतरनाक बताते हुए कहा कि अशिक्षित चालकों से दुर्घटना की आशंका बढ़ेगी।

बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली ने देश में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के तौर तरीकों पर चिंता जताते हुए कहा कि इसे बहुत गंभीरता से ठीक करने की जरूरत है। बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले युवक स्कूल वैन चला रहे हैं और असंख्य बच्चों की जानें एक चालक के हाथों में होतीं हैं। उन्होंने टोल प्लाजा में एम्बुलेंस एवं छूट प्राप्त वाहनों के लिए पृथक लेन में स्थायी बैरिकेड लगाने की शिकायत की और कहा कि उस लेन में कोई बैरिकेड नहीं होना चाहिए।

सचिन, यामिनी

जारी वार्ता

There is no row at position 0.
image