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आईआईटी कानपुर और रक्षा मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

आईआईटी कानपुर और रक्षा मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

कानपुर 04 अगस्त (वार्ता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, रक्षा मंत्रालय और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के बीच मंगलवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये।

संस्थान के प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कार्मिक राज्य मंत्री डा जितेंद्र सिंह और आईआईटी कानपुर के उपनिदेशक प्रो एस गणेश की मौजूदगी में केन्द्रीय लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ,मशीन लर्निंग और सांख्यिकी के साधनों का उपयोग करते हुए लोक शिकायतों के अन्वेषण और पूर्वानुमान संबंधी विश्लेषण करने और विकसित करने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस परियोजना ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर शिकायतों का विश्लेषण’ का क्रियान्वयन आईआईटी कानपुर के गणित और सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर, प्रोफेसर शलभ, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग से प्रोफेसर पीयूष राय और प्रोफेसर निशीथ श्रीवास्तव के साथ सहयोग से किया जा रहा है।

उन्होने बताया कि रक्षा मंत्रालय और डीएआरपीजी को देश के लगभग सभी हिस्सों से लोगों की शिकायतें मिलती हैं जो अलग-अलग प्रकृति की होती हैं जिनका सरकार में विभिन्न मंत्रालयों के संबंधित प्रभागों द्वारा शिकायतों का समाधान किया जाता है। वर्तमान परियोजना का उद्देश्य ऐसे अनुमानों को विकसित करना है जो शिकायतों के कारण का विश्लेषण कर सकती है, शिकायतों की प्रकृति में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है।

डेटा में किसी भी अनुपात-अस्थायी रुझान का अनुमान लगा सकती है और शिकायतों की गुणवत्ता, गंभीरता,भावना का अनुमान लगा सकती है। इस परियोजना के तहत जैसे ही शिकायत आती है, योजनाबद्ध तरीके से उनको स्वचालित रूप से संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया जाता है, जिसे हल किया जाता है, और प्रतिक्रिया मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता के बिना स्वचालित रूप से प्राप्त की जाती है।

प्रवक्ता ने बताया कि इसके साथ साथ एक अन्य उद्देश्य सेवारत अधिकारी द्वारा निवारण प्रतिक्रिया की गुणवत्ता की भविष्यवाणी करना है। इस के द्वारा आंकड़ों के विश्लेषण और मॉडलिंग से मंत्रालय को व्यवस्थित परिवर्तन और नीतिगत हस्तक्षेप करने में मदद मिलेगी।

उन्होने बताया कि विश्लेषण रक्षा मंत्रालय को यह आकलन करने में मदद करेगा कि क्या किसी विशिष्ट क्षेत्र अथवा शहर आदि से अधिक शिकायतें आ रही हैं। विकसित डैशबोर्ड जिम्मेदार अधिकारी को समस्या के बड़े होने से पहले ही समय पर सुधारात्मक उपाय करने में मदद करेगा । इस तरह के मॉडल समय पर हस्तक्षेप द्वारा निवारक कदम उठाने में मंत्रालय की मदद करेंगे ताकि तय समय की अवधि में शिकायतों की संख्या कम हो।

मंत्रालयों द्वारा लोगों की प्रतिक्रियाएं आसान, तेज़ और अधिक कुशल हो जाएंगी। जिससे मंत्रालय देश के लोगों के कल्याण के लिए नीतिगत डिजाइनों में व्यवस्थित परिवर्तन भी कर सकते हैं।

इस ऑनलाइन वेबिनार में रक्षा सचिव और आईआईटी कानपुर एलुमनी डा अजय कुमार,डा छत्रपति शिवाजी संयुक्त सचिव (डीएआर एंड पीजी), राकेश मित्तल संयुक्त सचिव (रक्षा मंत्रालय),डॉ वी श्रीनिवास सचिव (डीएआर एंड पीजी) , प्रो ए.आर. हरीश (डीन, आरएंडडी), आईआईटी कानपुर, प्रो शलभ, प्रो पीयूष राय और प्रो निशीथ श्रीवास्तव मौजूद रहे।

प्रदीप

वार्ता

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