उज्जैन, 03 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे अखिल भारतीय कालिदास समारोह में कथक नृत्यांगना सुश्री अरुणा सिंह और उनके दल ने शानदार शिव स्तुति ने लोगों मन मोह लिया।
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के तीसरे दिन की शुरूआत सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुई। सुश्री सिंह लखनऊ घराने की कथक नृत्यांगना है, उन्होंने पंडित बिरजू महाराज के बड़े सुपुत्र पंडित जय किशन महाराज से लखनऊ घराने की तालीम ली है। सुश्री अरूणा ने शिव स्तुति के पश्चात लखनऊ घराने के पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होेंंने तीन ताल में नृत्य प्रस्तुत किया। नृत्य में लखनऊ घराने की पारंपरिक बंदिशों त्रीपल्ली और फरमाइशी आदि प्रस्तुत की। अंत में कथक के माध्यम से दशावतार प्रस्तुत किया गया।
इसके पश्चात वाराणसी के व्योमेश शुक्ल के निर्देशन में महाकवि भास के कालजई संस्कृत नाटक पंचरात्रम की हिंदी प्रतिकृति का मंचन किया गया। इस नाट्य में अत्यंत रोचक तरीके से दर्शाया गया कि दुर्योधन कैसे द्रोणाचार्य और भीष्म के समक्ष शर्त रखता है और यदि वह पांच रातों में पांडवों का पता लगा लें तो वह पांडवों को अपना आधा राज्य सौंप देगा। द्रोणाचार्य और भीष्म किस प्रकार पांडवों को अज्ञातवास से बाहर लाते हैं, और कैसे उन्हें कौरवों के समक्ष लाते हैं। नाटक की परिकल्पना धीरेंद्र मोहन और संगीत आशीष मिश्रा ने दिया। मंचन में दुर्योधन का किरदार स्वाति, द्रोणाचार्य का किरदार नंदिनी, विभीषण का किरदार काजोल, अर्जुन का किरदार तापस और शकुनि का किरदार जय ने निभाया।
सं विश्वकर्मा
वार्ता