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बस्तर के विकास की चर्चा का सार्थक स्थल है मुरिया दरबार- भूपेश बघेल

बस्तर के विकास की चर्चा का सार्थक स्थल है मुरिया दरबार- भूपेश बघेल

जगदलपुर, 17 अक्टूबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मुरिया दरबार बस्तर के विकास की चर्चा का सार्थक स्थल है। इस दरबार में की गई मांगे पूरी होती हैं।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक दशहरा के तहत सिरहासार में आज आयोजित मुरिया दरबार में यह बात कहीं। मुरिया दरबार में श्री बघेल का स्वागत मांझी-चालकियों द्वारा पारंपरिक पगड़ी पहनाकर किया गया। उन्होंने बस्तर के दशहरे का आयोजन करने वाली बस्तर दशहरा समिति के सभी सदस्यों को बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई मांग को पूरा करते हुए टेम्पल कमेटी के लिए एक लिपिक और एक भृत्य के भर्ती की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने यहां स्थित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय का नामकरण वीर झाड़ा सिरहा के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने दंतेश्वरी मंदिर में आधुनिक ज्योति कक्ष के निर्माण की घोषणा भी की है।



उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरे की कई विशेषताएं हैं, जिसके कारण देश-विदेश के लोग हर साल इसमें शामिल होने के लिए बस्तर आते हैं। प्रशासन और बस्तर के लोगों के सहयोग से 75 दिनों तक यह कार्यक्रम चलता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पीछे अपनी संस्कृति और परंपरा को बचाए रखने की चिंता भी एक बड़ा कारण थी। आज हम लोग इसी दिशा में प्राथमिकता के साथ काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बस्तर के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने के लिए बीते तीन वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पहले तीजा-पोरा, कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस, छठ जैसे लोक त्यौहारों में सरकारी छुट्टी नहीं मिलती थी। हमारी सरकार ने छुट्टियां शुरु की, ताकि छत्तीसगढ़ के लोग अपने त्यौहारों का ठीक तरह से आनंद ले सकें। उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति के बारे में देश-दुनिया को जानने और समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति को बचाए रखने के लिए ही बस्तर संभाग में देवगुड़ियों और गोटुलों का संरक्षण किया जा रहा है।इसमें धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि यहां की आदिवासी संस्कृति से पूरी दुनिया को परिचित कराने के लिए राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव का आयोजन शुरू किया है। सन् 2019 में रायपुर में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया था, इसमें देश के 25 राज्यों के 2500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इसमें बांग्लादेश, श्रीलंका, बेलारूस, मालदीव, थाईलैंड और युगांडा के कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया था। इस बार राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव 28 से 30 अक्टूबर को रायपुर में आयोजित होगा जिसमें आदिवासी कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरिया दरबार का अपना शानदार इतिहास रहा है। इसमें शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह मुरिया दरबार हमारी संस्कृति की लोकतांत्रिक परंपराओं का सुंदर उदाहरण है। इस मुरिया दरबार में राजा, प्रजा, अधिकारी-कर्मचारी सब मिल-बैठकर बात करते हैं। गांव-समाज की समस्याओं पर बात करते हैं। अब तक जो विकास हुआ है, उस पर बात करते हैं और भविष्य में किस तरह विकास करना है इसकी योजना भी बनाते हैं। आज मैं इस दरबार में आप लोगों को विश्वास दिलाता हूँ कि विकास, विश्वास और सुरक्षा की नीति पर चलते हुए हमने जिस सुंदर, सुखद और समृद्ध बस्तर के निर्माण का वादा आपसे किया हैं, उस दिशा में इसी तरह ईमानदारी से काम करते रहेंगे।

करीम विश्वकर्मा

वार्ता

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