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मुर्मू ने राष्ट्र निर्माण में आंध्र के योगदान को याद किया

मुर्मू ने राष्ट्र निर्माण में आंध्र के योगदान को याद किया

विजयवाड़ा 04 दिसम्बर (वार्ता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को राष्ट्र निर्माण में आंध्र प्रदेश के योगदान को याद किया।

आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से यहां श्रीमती मुर्मू के सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य ने भारत में आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई है। इस मौके पर उन्होंने फार्मेसी और बायो-केमिस्ट्री के क्षेत्र में डॉ. येल्लाप्रगदा सुब्बाराव के योगदान को याद किया।

उन्होंने कहा कि डॉ. सुब्बाराव के शोध से कई दवाओं का निर्माण संभव हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष संस्थान (इसरो) की श्रीहरिकोटा रेंज अंतरिक्ष विज्ञान में नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आंध्र प्रदेश के लोगों ने पूरे विश्व में भारत का मान बढ़ाया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आंध्र प्रदेश महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता के मामले में अनुकरणीय राज्यों में से एक है। उन्होंने इस अवसर पर कवयित्री मोल्ला को याद किया जिन्होंने एक अद्भुत महाकाव्य 'मोल्ला-रामायण' की रचना की थी। साथ ही उन्होंने दुर्गाबाई देशमुख को याद किया, जिन्होंने महिलाओं की प्रगति और स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भागीदारी के लिए कई प्रयास किए।

श्रीमती मुर्मू ने इस अवसर पर आंध्र प्रदेश की बहू सरोजिनी नायडू को भी याद किया। उन्होंने कहा कि श्रीमती नायडू ने महात्मा गांधी के 'नमक सत्याग्रह' में अग्रणी भूमिका निभाई थी और वह स्वतंत्र भारत में किसी भी राज्य की पहली महिला राज्यपाल बनी थीं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लोग हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में आंध्र प्रदेश के लोगों की सक्रिय भागीदारी को याद करते हैं। उन्होंने कहा, “इस वर्ष हम श्री अल्लुरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती मना रहे हैं। हमारी युवा पीढ़ी को श्री अल्लुरी सीताराम राजू और भगवान बिरसा मुंडा जैसे व्यक्तित्वों द्वारा किए गए योगदानों के बारे में अच्छी तरह से अवगत होना चाहिए, जिन्होंने कम उम्र में ही भारत माता के लिए अपना जीवन न्योछाावर कर दिया।”

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि यह जानकर खुशी हुयी है कि 'अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल ट्राइबल फ्रीडम फाइटर्स म्यूजियम' का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंध्र की भूमि गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, वंशधारा और नागावली जैसी नदियों से भरी हुयी है। इन नदियों ने आंध्र प्रदेश की समृद्ध परंपराओं को भी जीवंतता प्रदान की है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे हमारी नदी-माताओं की स्वच्छता और सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहें।

उन्होंने कहा कि महान बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के नाम पर 'नागार्जुन सागर परियोजना' का विकास विरासत के साथ प्रगति को जोड़ने का एक अच्छा उदाहरण है।

राष्ट्रपति ने कामना की कि आंध्र प्रदेश के प्रतिभाशाली और समर्पित लोगों के सहयोग से इस राज्य की विकास यात्रा आगे बढ़ती रहे। साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आंध्र प्रदेश के लोग भारत के विकास में असाधारण योगदान देना जारी रखेंगे।

संतोष अशोक

वार्ता

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