नयी दिल्ली, 11 मार्च (वार्ता) दक्षिण कोरिया के 65 वर्षीय मैराथन धावक कैंग म्यूंग-कू विश्व शांति के लिये एक अक्टूबर 2022 से जारी अपनी मैराथन में दौड़ते हुए भारत पहुंच गए हैं, जहां वह तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात करेंगे।
गौरतलब है कि मस्तिष्क रोधगलन (मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में रुकावट के कारण होने वाला आघात) के मरीज कांग म्यूंग-कू ने जेजू द्वीप से शुरू हुई अपनी 400-दिवसीय यात्रा में 19 देशों से गुजरते हुए रोम तक 11000 किमी दौड़ने का निर्णय लिया है। अक्टूबर 2022 में दक्षिण कोरिया में शांति के जेजू द्वीप में एक हैंड-कार्ट के साथ अपना सफर शुरू करने के बाद म्यूंग-कू कांग कंबोडिया, थाईलैंड, बंगलादेश से होते हुए कोलकाता के रास्ते भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
म्यूंग-कू ने भारत आने पर कहा, “भारत में विभिन्न राज्यों में दौड़ के दौरान मुझे जबरदस्त समर्थन मिला और विश्व शांति और एकता को बढ़ावा देने के मेरे मिशन में मुझे और प्रोत्साहित किया। भारत में लोग सहायक हैं, महान अतिथि सत्कार करते हैं और आध्यात्मिक हैं। एक व्यक्ति यहां एक दुनिया महसूस कर सकता है।”
इस मैराथन के जरिये म्यूंग-कू दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच मतभेद को भी समाप्त करना चाहते हैं। उनके दिल्ली आगमन पर भारत में कोरिया गणराज्य के महावाणिज्यदूत जगदीप सिंह ने दोपहर के भोजन का आयोजन किया गया। दिल्ली में रहते हुए उनकी योजना कोरियाई राजदूत चांग जे-बोक और भारत में फेडरेशन ऑफ कोरियन एसोसिएशन के सदस्यों से मिलने की है।
अपने इस मिशन पर म्यूंग-कू दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप के 19 देशों को पार करेंगे। वह अपनी यात्रा में भारत के बाद ईरान, इराक, तुर्की, यूनान, उत्तरी मैसेडोनिया, कोसोवो, मोंटेनेग्रो, बोस्निया और हर्जेगोविना, क्रोएशिया, स्लोवेनिया से होते हुए इटली अपनी मैराथन समाप्त करेंगे।
कोरियाई गणराज्य के महावाणिज्यदूत श्री सिंह ने कहा, “कोरिया एशिया में भारत का सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है और हमारे देश एक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। म्यूंग-कू की यह यात्रा दोनों देश के बीच पेशेवर और सांस्कृतिक संबंध को बेहतर बनाने तथा खेल शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगी। यह वैश्विक सद्भाव का समर्थन करने में भी मददगार होगी।”
म्यूंग-कू ने 28 सितंबर को समाप्त होने वाली 11 हजार किलोमीटर की इस लंबी यात्रा के अंतिम दिन वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मिलने की योजना बनाई है ताकि वे कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति की कामना कर सकें।
शादाब, उप्रेती
वार्ता