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महिला स्व-सहायता समूह के प्रयासों को अधिक प्रभावी बनाए नाबार्ड : आनंदीबेन

महिला स्व-सहायता समूह के प्रयासों को अधिक प्रभावी बनाए नाबार्ड : आनंदीबेन

भोपाल, 12 जुलाई(वार्ता)मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि ग्रामीण विकास और किसान कल्याण में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्रामीणों और किसानों के जीवन-स्तर में सुधार तभी संभव है, जब वे खेती के साथ पशु-पालन, मछली-पालन, मुर्गी-पालन और अन्य लघु एवं कुटीर उद्योगों को भी अपनाएं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार राज्यपाल श्रीमती पटेल राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) के 38वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहीं थी।उन्होंने बालाघाट महिला स्व-सहायता समूह का उल्लेख करते हुए कहा कि इस समूह ने अपने प्रयासों से लगभग 4 करोड़ की बचत कर अपना बैंक खोला है। इसे मिसाल मानकर नाबार्ड को ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि जब तक नारी शक्ति देश के विकास से नहीं जुड़ती, तब तक विकास अधूरा है। राज्यपाल ने महिलाओं के सामाजिक, शैक्षणिक विकास के साथ उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ कराने पर जोर दिया।

कृषि मंत्री सचिन यादव ने बताया कि नाबार्ड द्वारा ग्रामीण अंचल में शून्य प्रतिशत ब्याज पर तीन लाख रूपये तक ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां बैंक नहीं हैं, वहां पोस्टल बैंक के माध्यम से वित्तीय समावेश का कार्य किया जा रहा है। ई-शक्ति परियोजना द्वारा प्रदेश के सभी किसानों, स्व-सहायता समूहों का डाटा पोर्टल पर लाया जा रहा है। ई-शक्ति परियोजना से अभी तक 19 हजार किसान समूहों के 2 लाख सदस्य जुड़ चुके हैं।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एस.के. बंसल ने बताया कि 12 जुलाई 1982 से स्थापित यह बैंक आज अपना 38वाँ स्थापना दिवस कृषक उत्पादक संगठन के रूप में मना रहा है। पिछले 38 वर्षों में नाबार्ड ने किसानों और ग्रामीणों को सशक्त बनाने के लिये निरंतर कार्य किया है। नाबार्ड का लक्ष्य छोटे और मझौले किसानों को संगठित कर उनका आर्थिक स्तर बढ़ाना है। नाबार्ड ने किसानों को खेती के साथ अन्य गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि नाबार्ड ने किसानों को वर्ष 2018-19 में 20 हजार 800 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई है। इसे आगामी वर्ष में और विस्तारित किया जायेगा।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने नाबार्ड द्वारा पोषित स्व-सहायता समूह के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य करने वाले तामिया (छिंदवाड़ा) के फलम सम्पदा उत्पादक संघ, पांढुर्ना (छिंदवाड़ा) की नमन ऑरेंज फार्मा कंपनी पंधाना (खंडवा) की पशुपालन कंपनी, हरदा की गुप्तेशवर स्वावलंबी किसान फार्मा कंपनी, होशंगाबाद की कृषक उत्सव फार्मा कंपनी के साथ श्रीमती राधा जोधा-देवास और श्रीमती गुलनाज, उज्जैन को स्मृति-चिन्ह और प्रशस्ति देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने वित्त पोषण के लिये बैंक ऑफ बड़ोदा और मध्यप्रदेश क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को भी प्रशस्ति-पत्र तथा स्मृति-चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। श्रीमती पटेल ने स्कूली बच्चों को पुस्तकें एवं फल वितरित किये।

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