भोपाल, 25 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सुझाव पर अमल करते हुए मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी को जीवित इकाई घोषित किया है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अब नर्मदा नदी को जीवित इकाई (लाईव एनटिटी) मानते हुए इसको नुकसान पहुँचाने वाले को जीवित इकाई के अनुरूप ही दंडित किया जाएगा। विधानसभा में इस संबंध में विधेयक पारित किया जाएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री सिंह ने यह सुझाव कल मण्डला में नर्मदा सेवा यात्रा के जन-संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान को दिया। कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ,सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय पाठक, महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी, संत अतुल कृष्ण भारद्वाज, साध्वी प्रज्ञा भारती और साध्वी योगमाया भी मौजूद थे। गृह मंत्री श्री सिंह ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के लिए मुख्यमंत्री की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। उन्होंने कहा भारत-विश्व में चले अभियानों में यह मील का पत्थर साबित होगी। ऐसा जन-अभियान भारत में पहले कभी नहीं चला। नर्मदा संरक्षण-संवर्धन के साथ सामाजिक सरोकारों को भी साथ लिया है। संविधान निर्माताओं ने भी पर्यावरण संरक्षण हर व्यक्ति के लिए आवश्यक बताया है। श्री सिंह ने कहा कि देश की नदियों को वर्ष 2019-20 तक स्वच्छ बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने बजट में 20 हजार करोड़ की व्यवस्था की है, जो जरूरत पड़ने पर एक लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाई जाएगी। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के आधार पर मध्यप्रदेश में नर्मदा को जीवित इकाई मानने का सुझाव दिया। श्री सिंह ने कहा कि देश-दुनिया की नजरें नर्मदा यात्रा पर है, इससे सकारात्मक संदेश जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चेताया कि यदि नर्मदा की धारा सूखी तो मध्यप्रदेश में जीवन अवरूद्ध हो जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि नर्मदा यात्रा की शुरूआत घटती जलधारा को प्राचीन वैभव लौटाने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि नर्मदा सतपुड़ा-विंध्याचल के जंगलों के मानसूनों में अवशोषित जल से प्रवाहमान है। इसकी धारा को अविरल बनाये रखने के लिए आगामी 2 जुलाई को नर्मदा के दोनों तट पर 11-11 सौ किलोमीटर और चौड़ाई में एक किलोमीटर तक सघन वन के लिए पौध-रोपण होगा। सीवेज का पानी नर्मदा में ना मिले इसके लिए 18 शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जायेंगे, जिनका पानी सिंचाई के काम आएगा। तट स्वच्छता के लिए हर घर में शौचालय बनेगा तटों पर विसर्जन कुण्ड, मुक्तिधाम, चेंजिंग रूप बनेंगे। अब कोई शव नर्मदा में नहीं प्रवाहित होगा। नशामुक्ति अभियान में एक अप्रैल से नर्मदा से पाँच किलोमीटर तक शराब की दुकानें प्रतिबंधित कर दी गई हैं। गरिमा 11.50 वार्ता