नयी दिल्ली 27 मई (वार्ता) जाने जाने फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने स्कूलों के पाठ्य पुस्तक में कथित तौर पर किये जा रहे बदलाव और छेड-छाड़ पर चिंता जताते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार के काम काज के अाकलन के लिए अभी लोगों को और समय देना चाहिये। आज रिलीज हुई फिल्म ‘वेटिंग’ के प्रमोशन के लिए यहां पहुंचे नसीरूद्दीन से जब केन्द्र सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान शैक्षणिक संस्थानों के स्वायतता पर हो रहे कथित हमले के बारे में पूछा गया तो उन्हाेंने कहा “ मेरे ख्याल से लोग सरकार के कामकाज के अाकलन में हम जल्दबाजी कर रहे है, हमें सरकार को अभी और समय देना चाहिये लेकिन कुछ बातें जरूर है जिस से मुझे फ्रिक हाेती है। उन्होंने कहा “ स्कूलों के पाठयक्रम के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है वो चिंता की बात है।” तीन बार सर्वक्षेष्ठ अभिनय के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता ने कहा “मुझे विश्वास है इस कि सरकार के लोग इतने बेवकूफ नहीं है कि उन्हें पता ना हो की उनके सामने क्या विकल्प है, या तो अाधुनिक भारत बनाये या अंधेर युग की तरफ ले जाए और वह कभी भी दूसरा विकल्प नहीं चुनना चाहेंगे और कुछ नहीं तो सत्ता में बने रहने के लिए उन्हें यह करना होगा। मैंने सरकार से उम्मीद नहीं छोडूंगा क्योकि अगर हमने उम्मीद छोडी तो इसका मतलब हार मानना होगा ।” ‘वंदे मातरम्’ बोलने पर छिडे विवाद पर उन्होंने कहा “यह बेहद ही शर्म की बात है कि लोगों को ‘वंदे मातरम्’ बोलने में एतराज हो रहा है और उसकी अालोचना भी नहीं हो रही। जैसा की जावेद अख्तर ने कहा “वंदे मातरम् बोलना मेरा हक है, भारत माता की जय बोलना मेरा हक है बिल्कुल सही बात है। मैं बोलूंगा अपनी मर्जी से, किसी के कहने से नहीं, किसी को हक नहीं है कि मेरा देश भक्ति का इंतहान ले।” कश्मीरी पंडित के मुद्दे पर अभियान चला रहे बॉलीवुड के एक बड़े अभिनेता ( अनुपम खेर)के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा “ कश्मीरी पंडितों के हक के लिए ऐसा बंदा लड़ने चला है जो कभी कश्मीर में रहा ही नहीं और विस्थापित बन गया।” अमित उपाध्याय वार्ता