Thursday, Apr 25 2024 | Time 05:27 Hrs(IST)
image
लोकरुचि


नवरात्र के प्रथम दिन शक्तिपीठ में लगा दर्शनार्थियों का तांता

नवरात्र के प्रथम दिन शक्तिपीठ में लगा दर्शनार्थियों का तांता

बलरामपुर 21 सितम्बर (वार्ता) देश की 51 शक्तिपीठों मे एक विश्व विख्यात आदि शक्ति माँ पाटेश्वरी देवी पाटन मंदिर मे आज शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन देश- विदेश से आये दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ है। मंदिर में दूर दराज से आये अधिकांश देवीभक्तों ने तडके यहाँ स्थित सूर्य कुंड मे पवित्र स्नान किया और पूजा अर्चना की। देवीपाटन मंदिर उत्तर प्रदेश में बलरामपुर जिले के भारत नेपाल सीमा से सटे तुलसीपुर तहसील क्षेत्र के पाटन गांव मे सिरिया नदी के तट पर स्थित है। मंदिर के महन्त योगी मिथलेष नाथ बताया कि श्रद्धालुओं का सुबह से ही ताता लगा है। तडके श्रद्धालुओ ने सूर्य कुंड में पवित्र स्नान किया उसके मां के दरवार में अर्चना की। देवी पाटन मंदिर मे मुख्य रुप से माँ पाटेश्वरी की पुष्प ,नारियल ,चुनरी ,लौंग ,इलायची कपूर व अन्य पूजन सामग्रियां चढाकर पूजा अर्चना की जाती है। देवी पाटन मठ के मठाधीश बाबा योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद देवीभक्त अति उत्साहित है। देवी पाटन मंदिर नेपाल सीमा से सटा होने के कारण अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। मान्यताओं के अनुसार दक्ष प्रजापति के यहाँ आयोजित अनुष्ठान में अपने पति इष्टदेव देवाधिदेव महादेव को न्योता और स्थान न दिये जाने से क्षुब्ध माँ जगदम्बा ने स्वयं को अग्नि को भेंट कर सती हो गयी थी । माता के सती होने से आक्रोशित महादेव अत्यंत दुखी हुये और माता सती के शव को कंधे पर रखकर तांडव करने लगे। शिव तांडव से धरती थर्राने लगी। इससे संसार मे व्यवधान उत्पन्न होने लगे। संसार को विनाश से बचाने के लिये भगवान विष्णु ने सती के अंगो को सुदर्शन चक्र से खण्डित कर दिया। विभिन्न इक्यावन स्थानों पर गिरा दिया। जिन जिन स्थानों पर माता के अंग गिरे वह स्थान शक्तिपीठ माने गये। सं भंडारी रवीन्द्र जारी वार्ता

image