देहरादून, 27 जुलाई (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास पर ध्यान दिये जाने की जरुरत है।
श्री रावत ने मुख्यमंत्री आवास में अर्थ एवं संख्या, नियोजन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा प्रकाशित ‘उत्तराखण्ड मानव विकास रिपोर्ट‘, ‘ग्रीन एकाउंटिंग ऑफ फॉरेस्ट रिसोर्स, फ्रेमवर्क फॉर अदर नेचुरल रसोर्स एण्ड इण्डेक्स फॉर सस्टेनेबल एनवायरमेंटल परफॉर्मेंस फॉर उत्तराखण्ड स्टेट’ तथा उत्तराखण्ड इकॉनोमिक सर्वे 2018-19 भाग-2 रिपोर्ट का विमोचन करते हुए कहा ,“हमें बहुत दिनों से फॉरेस्ट रिसोर्स एवं उसकी एकाउंटिंग की जरूरत थी। राज्य का 70 प्रतिशत भू-भाग वन, ग्लेशियरों, उच्च पर्वतों तथा गंगा, यमुना एवं अन्य कई नदियों का उद्गम क्षेत्र है। इसके पर्यावरणीय और स्वास्थ्यवर्धक सुविधाओं का लाभ पूरे देश को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि अब हमारे पास एक अध्ययन रिपोर्ट है यह राज्य की ग्रीन बोनस की मांग के लिए मजबूत आधार हो सकती है। उत्तराखण्ड मानव विकास रिपोर्ट एवं आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर राज्य के सुनियोजित विकास के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। पर्वतीय जिलों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के लिए जिलाधिकारियों को विकास पर ध्यान देने के निर्देष दिये गये हैं। विकासखण्ड स्तर पर यह विचार करने की जरुरत है कि प्रति व्यक्ति आय में कैसे वृद्धि की जा सकती है।
‘ग्रीन एकाउंटिंग ऑफ फॉरेस्ट रिसोर्स, फ्रेमवर्क फॉर अदर नेचुरल रिसोर्स एण्ड इण्डेक्स फॉर सस्टनेबल एनवायरमेंटल परफॉर्मेंस फॉर उत्तराखण्ड स्टेट’ के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल के सहयोग से तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में राज्य के वन संसाधनों के आर्थिक महत्व को मौद्रिक रूप में मापने का प्रयास किया गया है। राज्य की 18 वन सेवाओं के लिये फ्लो वैल्यू 95,112.60 करोड़ तथा तीन सेवाओं का स्टॉक वैल्यू 14,13,676.20 करोड़ आंकी गयी है।
सं, शोभित राम
वार्ता