राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 18 2019 5:38PM शैक्षिक गुणवत्ता और शोध को बढ़ाने की आवश्यकता है:नाईक
लखनऊ,18 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नेे कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता और शोध को बढ़ाने की
आवश्यकता है ।
श्री नाईक ने मंगलवार को यहां टाइम्स आफ इण्डिया और नवभारत टाइम्स की ओर से यहां आयोजित ‘शिक्षा में उत्कृष्टता’कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षण संस्थान एवं शिक्षाविदों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रदेश है। केवल तीन देश चीन, अमेरिका एवं इण्डोनेशिया आबादी की दृष्टि से उत्तर प्रदेश से बड़े हैं। 22 करोड़ की मानव शक्ति वाले प्रदेश को योग्य शिक्षा देने की आवश्यकता है। सरकार और शिक्षा जगत से जुड़े लोग इस मानव शक्ति पूंजी का देश के लिये सही उपयोग करने हेतु भागीरथ प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का बाजारीकरण न हो तथा निर्धनों को शिक्षा प्रदान करने के लिये मानवीय दृष्टिकोण (ह्यूमन टच) होना चाहिए।
श्री नाईक ने राज्य विश्वविद्यालयों की चर्चा करते हुये कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा पटरी पर आ गयी है। उन्होंने 22 जुलाई 2014 को राज्यपाल की शपथ ग्रहण की थी। इसके साथ-साथ वे राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी बने थे। शैक्षिक सत्र 2014-15 में दीक्षान्त समारोह 253 दिन तथा शैक्षिक सत्र 2015-16 में 109 दिन में सम्पन्न हुये जबकि शैक्षिक सत्र 2019-20 में सभी दीक्षान्त समारोह मात्र 83 दिन में सम्पन्न हो जायेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके पहले केवल 40 प्रतिशत छात्रायें उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही थी जबकि शैक्षिक सत्र 2017-18 में 51 प्रतिशत और शैक्षिक सत्र 2018-19 में छात्राओं का प्रतिशत बढ़कर 56 प्रतिशत हो गया है। पदक प्राप्त करने में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी छात्राओं की है। उत्तर प्रदेश के लिये महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में यह एक शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता और शोध को बढ़ाने की आवश्यकता है।
त्यागी
जारी वार्ता