रामनगर (मंडला), 24 अप्रैल (वार्ता) देश में महिलाओं और मासूम बालिकाओं से जुड़े अपराधों के बढ़ने के परिप्रेक्ष्य में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापक सामाजिक आंदोलन शुरू करने की जरूरत बताते हुए कहा कि सामान्यत: परिवारों में बेटियों पर तो नजर रखी जाती है, लेकिन यदि बेटों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाए, तो इस तरह के अपराध आसानी से रोके जा सकते हैं।
श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला जिले की रामनगर ग्राम पंचायत में पंचायती राज दिवस के मौके पर आयोजित सभा को संबोधित किया। यह संबोधन देश की सभी लगभग दो लाख 44 हजार पंचायतों में सजीव प्रसारण के जरिए पहुंचाया गया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान और केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।
श्री मोदी के पहले मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभा में संबोधन के दौरान दुष्कर्मी को फांसी की सजा संबंधी केंद्र सरकार के फैसले के बारे में बताया था। उसका जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि जब श्री चाैहान निर्णय के बारे में बता रहे थे, सभा में मौजूद सभी लोगों ने तालियों से निर्णय का स्वागत किया। यह इस बात का प्रमाण है कि दिल्ली की सरकार आम लोगों के दिलों की आवाज पर निर्णय लेती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन महिलाओं पर अपराध रोकने के लिए जरूरी है कि परिवार के लोग लड़कों की गतिविधियों पर भी नजर रखें। लड़के गलत राह पर जाएं, तो उन्हें ऐसा करने से रोका जाए। लड़कियों को तो राेका जाता है, लेकिन बेटों को भी गलत राह पर जाने से रोका जाए, तो राक्षसी प्रवृति को पनपने से रोका जा सकता है। बेटों को भी जिम्मेदारी सिखाना जरूरी है। यह सामाजिक सोच बदलने की जरूरत है और इसके लिए व्यापक सामाजिक अांदोलन शुरू करने की जरूरत है।
प्रशांत सुधीर
वार्ता