राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 31 2019 6:26PM जल एवं नदियों की उपेक्षा उचित नहीं है:अवधेशानंद गिरि
सहारनपुर, 31 मई (वार्ता) महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि जल एवं नदियों की उपेक्षा उचित नहीं है और इसी कारण हमारी अनेक प्रमुख नदियां अपना वास्तविक स्वरूप खो चुकी हैं।
श्री गिरि शुक्रवार को सहारनपुर नगर की मृतप्राय पांवधोई नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान के प्रथम चरण पूरा होने के उपलक्ष्य में पाइनवुड स्कूल में आयोजित जल महोत्सव समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जल के बगैर जीवन संभव नहीं है । जल और नदियों की उपेक्षा उचित नहीं है। मानवीय भूलों के कारण अनेक प्रमुख नदियां अपना स्वरूप खो चुकी हैं। जैसे प्राचीन नदी सरस्वती कहीं प्रकट हो जाती है तो कहीं विलुप्त हो जाती हैं। उन्होंने जल महोत्सव में साधु-संतों ने युवाओं से इस अभियान को पूरा करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सहारनपुर के लोगों के भागीरथ प्रयासों से पुनर्जीवित की जा रही पांवधोई नदी के सफल अभियान की सराहना की । उन्होंने इसके लिए सहारनपुर के आज सेवानिवृत्त हो रहे मण्डलायुक्त सीपी त्रिपाठी, मौजूदा जिलाधिकारी आलोक पांडे और वर्ष 2010-11 में सहारनपुर के जिलाधिकारी रहे आलोक कुमार की सराहना की।
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि जल में ही नारायण का वास है। नीर से ही लक्ष्मी उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि स्नान और तर्पण जल से ही संभव है। जल में ही ईश्वरीय सत्ता है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में मानवीय भूलों के कारण बहुत सी नदियां लुप्त हो चुकी हैं और जो हैं वह इतनी प्रदूषित की पशु भी पानी नहीं पीते। उन्होंने कहा कि यमुना स्पर्श करने योग्य भी नहीं रह गई है। जल के प्रति हमारी यह उपेक्षा उचित नहीं हैै।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में कुंभ के मौके पर कुछ साल पहले नर्मदा और शिप्रा नदी के किनारे पर वृक्षा रोपण कराया था। उन्होंने सहारनपुर के जिलाधिकारी आलोक पांडे, मेयर संजीव वालिया और पांवधोई नदी बचाओ समिति के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि पांवधोई नदी क्षेत्र में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए।
सं त्यागी
जारी वार्ता