चुनावPosted at: Mar 3 2018 11:30PM त्रिपुरा में भाजपा ने ढहाया वाम किला, नागालैंड में सत्ता के करीब, मेघालय में कुंजी छोटे दलों के हाथ
नयी दिल्ली 03 मार्च (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने त्रिपुरा में ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए वाम दलों के गढ़ को ध्वस्त कर दिया है और नागालैंड में वह सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने की मजबूत स्थिति में है जबकि मेघालय में कोई भी दल बहुमत के जादुई आंकड़े के करीब नहीं पहुंच पाया है।
त्रिपुरा में पिछले विधानसभा चुनाव तक खाता भी नहीं खोल पायी भाजपा ने इस बार अपने शानदार प्रदर्शन से वामदलों का ढाई दशक पुराना किला ढहा दिया। साठ सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों के लिए चुनाव हुये थे जिनमें से उसने 35 सीटें जीतकर अकेले स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। इस चुनाव मेें उसकी सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को आठ सीटें मिली हैं। इस तरह भाजपा गठबंधन को विधानसभा में दो-तिहाई से अधिक बहुमत मिला गया है।
भाजपा की इस जीत से राज्य में लगातार 25 वर्ष से चले आ रहे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)के शासन का अंत हो गया। हालांकि, मुख्यमंत्री माणिक सरकार धानपुर सीट से 5441 मतों के अंतर से विजयी रहे हैं। पिछले चुनावों में 50 के आस-पास सीटें जीतने वाला वाम मोर्चा इस बार 16 सीटों पर सिमट कर रह गया। ये सभी सीटें माकपा को मिली हैं। पश्चिम बंगाल के बाद वाम दलों का एक और गढ़ ध्वस्त हो गया है। अब सिर्फ केरल में वाम मोर्चे की सरकार बची है।
त्रिपुरा में शून्य से शिखर तक भाजपा के सफर का सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को हुआ है। इस बार वह एक भी सीट नहीं जीत सकी जबकि पिछले चुनाव में उसे 10 सीटें मिली थीं।
टीम आशा
जारी (वार्ता)