नयी दिल्ली, 20 मई (वार्ता) केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने प्रधानाचार्यों-शिक्षकों को केंद्र द्वारा लागू की गयी नयी शिक्षा नीति को ध्यान से पढ़ने और उसे कार्य-व्यवहार में उतार कर देश में शिक्षा का गुणात्मक स्तर सुधारना चाहिए।
श्री त्रिपाठी यहां सामर्थ्य टीचर्स ट्रेनिंग एकेडमी ऑफ रिसर्च (एसटीटीएआर) की ओर से यहां शुक्रवार और शनिवार को शिक्षा पर दो दिवसीय सम्मेलन एक मुख्य सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस स्टार ग्लोबल स्कूल एजूकेशन कांफ्रेंस में सुदृढ़ भविष्य के लिए शिक्षा की एक वृहद योजना प्रस्तुत की गयी।
‘सतत भविष्य के लिए शिक्षा’ विषय पर इस सम्मेलन में श्री त्रिपाठी के अलावा ग्लोबल एजूकेशन फ्यूचर्स,नीदरलैंड के संस्थापक और निदेशक डॉ पावेल लुक्षा,फिक्की अराइज के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया, सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजूकेशनल इंस्टीट्यूशन्स के अध्यक्ष सेठ आनंदराम जयपुरिया और अन्य विशेषज्ञ, प्रधानाचार्य, अध्यापक एवं गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति बहुत दूरदर्शी एवं शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाने वाली है। उन्होंने कहा कि सभी प्रधानाचार्यों-शिक्षकों को इसे ध्यानपूवर्क पढ़ना चाहिए और अपने कार्य-व्यवहार में इसे लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अध्यापन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उसने क्या छूट रहा है और अध्यापन को कैसे और अच्छा व अधिक उपयोगी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाने की ड्यूटी पूरी कर लेने को ही अपने कर्तव्य की इतिश्री नहीं मान लेना चाहिए।
श्री जयपुरिया ने कहा,“ शिक्षा बिरादरी पर, जिसमें हम में से कई लोग शामिल हैं, वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र पर, हमारी शैक्षणिक प्रथाओं पर पुनर्विचार करने और एक स्थायी भविष्य के लिए शिक्षा बनाने के लिए शिक्षण प्रणालियों की फिर से कल्पना करने की जिम्मेदारी है। नये शैक्षिक प्रतिमान को सीखने के उन पहलुओं पर जोर देना चाहिए जो स्थिरता की ओर ले जाने सुविधा प्रदान करते हैं।
पावेल लुक्शा ने वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने शिक्षाशास्त्र में उभरते रुझानों और दुनिया भर में सीखने के पारिस्थितिकीय तंत्र में परिवर्तन की चर्चा की।
सम्मेलन में पैनल चर्चा, केस-स्टडी प्रस्तुतियां और विशिष्ट शिक्षकों, शिक्षाविदों, विचारकों और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा विशेष वार्ता शामिल थी। सम्मेलन में शिक्षक शिक्षा के लिए 21वीं सदी की रूपरेखा, चार शोध पत्र, छह महीने का प्रमाणपत्र कार्यक्रम, शिक्षकों के लिए एक ऑनलाइन आत्म-केंद्रित शिक्षण मंच और सतत विकास लक्ष्यों पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक स्टार अकादमिक परिषद के अध्यक्ष विनोद मल्होत्रा ने लिखी है।
सम्मेलन के समापन दिवस पर ओएलएल के सह-संस्थापक और ‘शार्क टैंक इंडिया’ से मशहूर श्रेयन डागा समेत कई इंडस्ट्री एक्सपर्ट के मास्टरक्लास आयोजित किए गए। समापन दिवस पर स्टार एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड दिये गये। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी थे। मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेज के अध्यक्ष पद्मश्री टी.वी. मोहनदास पई को शिक्षा गरिमा पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए शिक्षकों और स्कूलों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
श्रवण.मनोहर
वार्ता