नयी दिल्ली, 04 फरवरी (वार्ता) केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ़ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश शिक्षा तंत्र में व्यापक सुधार और परिवर्तन का साक्षी बना है और उनके मार्गदर्शन में शिक्षा मंत्रालय आसियान देशों के साथ शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में बढ़ावा देने हेतु सक्षम हो सका है।
इस आसियान-इंडिया हैकाथाॅन के सफलतापूर्ण संपन्न होने पर उन्हें यकीन है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेगी।
डॉ़ निशंक ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित पहले तीन दिवसीय आसियान-इंडिया हैकाथॉन के समापन के अवसर पर कहा, “चार वर्ष पहले हमने भारत में हैकाथाॅन के माध्यम से समस्याओं को हल करने की शुरुआत की है। यह सब हमारे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन पहल के साथ शुरू हुआ और अब कई राज्य, शहर और यहां तक कि छोटे शहर भी, भारत में इनोवेटिव विचार प्राप्त करने और समस्याओं को हल करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए हैकाथाॅन का आयोजन कर रहे हैं। चाहे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के माध्यम से अनुसंधान और विकास तंत्र को मजबूत करना हो या आसियान देशों के लिए 1000 पीएचडी फ़ेलोशिप का प्रावधान हो या अब आसियान–इंडिया हैकथॉन, ये सभी कार्यक्रम भारत द्वारा की गई प्रगति को दर्शाते हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने इस हैकाथॉन की सफलता पर कहा कि जैसा नील आर्मस्ट्रांग ने चाँद पर पहली बार उतरते समय कहा था कि ‘यह मनुष्य के लिए एक छोटा कदम है परंतु मानव जाति के लिए एक बड़ी छलांग है” उसी तरह यह हैकाथाॅन चाहे एक छोटी शुरुआत क्यों न हो लेकिन यह भविष्य में आसियान क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इसके अलावा उन्होंने 2016-2025 के लिए आसियान प्लान ऑफ़ एक्शन ऑन साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पर बात करते हुए कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं यह आसियान देशों के विज्ञान, तकनीकी और इनोवेशन को सक्षम बनाता है। उसी के अनुसार आसियान–इंडिया हैकाथाॅन को आसियान विज्ञान, तकनीकी और इनोवेशन योजना के दृष्टिकोण के साथ संरेखित किया गया है और भारत इसके सभी चार रणनीति क्षेत्रों पर काम करते हुए आसियान देशों को सहयोग प्रदान करने हेतु सक्षम है
डॉ़ निशंक ने इस पहले हैकाथॉन की विभिन्न विशेषताओं के बारे में भी विस्तार से बताया और कहा कि उनका यह भी मानना है कि यह हैकाथॉन संस्कृति एवं मूल्यों के एकीकरण के साथ देशों के बीच सहयोग के निर्माण हेतु भी महत्वपूर्ण रहा है और इस हैकाथॉन के माध्यम से, आप सभी ने शांति और सदभाव के संकल्प के साथ समस्याओं का समाधान निकालना भी सीखा होगा। उन्होनें कहा,‘इन सब उद्देश्यों के साथ इस हैकाथॉन का एक प्रमुख उद्देश्य, हमारे राष्ट्रों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु रोज़गार सृजन करते हुए सतत विकास के लिए प्रोत्साहन भी प्रदान करना है।”
उन्होंने इस हैकाथॉन की विजेता टीम को और इसको आयोजित करने वाली टीम को बधाई देते हुए कहा, ‘आज भारत और आसियान देश अन्य देशों के लिए ऊर्जा, तालमेल और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के आदर्श उदाहरण बन गए हैं। यदि भारत और आसियान देशों के मानव संसाधनों और प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाए, तो मेरा मानना है कि मानवता एवं पूरी दुनिया की बेहतरी तथा कल्याण का एक नया आयाम खुलेगा।”
इस तीन दिवसीय हैकाथॉन के समापन पर सभी आसियान देशों के मंत्री, विदेश मंत्री एस जयशंकर, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, अतिरिक्त शिक्षा सचिव राकेश रंजन और शिक्षा मंत्रालय के चीफ इनोवेशन अधिकारी डॉ अभय जेरे भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से जुड़े। इस हैकाथॉन में 54 टीमों, जिनमें 330 छात्र और 90 मेंटर शामिल थे, ने हिस्सा लिया और 11 समस्या विषयों पर काम किया।
आजाद जितेन्द्र
वार्ता