पटना, 17 अगस्त (वार्ता) भोजपुरी सिनेमा के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ का कहना है कि जादूज मिनी थियेटर के जरिये न सिर्फ सिनेमा के क्षेत्र में नयी क्रांति आयेगी बल्कि इसके जरिये शिक्षा को भी जोड़ा जायेगा।
निरहुआ ने बिहार में मिनी थियेटर 'जादूज' निरहुआ के लाँच के अवसर पर संवाददाताओं से कहा कि जादूज मिनी थियेटर का निर्माण मनोरंजन के साथ ही शिक्षा के उद्देश्य से भी किया जायेगा। उन्होंने कहा,“ बिहार ही नहीं पूरे देश भर में थियेटर की कमी है, जो थियेटर हैं, वे बहुत बड़े और महंगे हैं और आम जनता की पहुंच से काफी दूर हैं। आम लोगों की परेशानी को देखते हुये हम लोग मिनी थियेटर का निर्माण करने जा रहे हैं। हम लोग बिहार ,उत्तर प्रदेश और झारखंड के हर तहसील में एक मिनी थियेटर का निर्माण कर रहे हैं। जो 800 से 1000 स्क्वायर फीट के दायरे में बनेगा जिसमें 70 से 80 के लगभग दर्शकों की क्षमता होगी।”
निरहुआ ने बताया कि बिहार की जनसंख्या नौ करोड़ के लगभग है और यहां करीब 100 थियेटर हैं जबकि आंध्र प्रदेश की जनसंख्या पांच करोड़ के लगभग है और वहां दो हजार से अधिक थियेटर हैं। जब उन्होंने इस बारे में जादूज के प्रबंध निदेशक राहुल नेहरा से बातचीत की, तब हमने यह किया कि बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मिनी थियेटर खोले जाने की जरूरत है। हमने इस बारे में सिंगल थियेटर के मालिक से भी बातचीत की और उन्हें यह कान्सेप्ट अच्छा लगा और उन्होंने कहा कि इस पर काम किया जा सकता है। हर तहसील में एक सिनेमा की परिकल्पना के साथ उतरी 'जादूज' का सपना उत्तर प्रदेश और मध्य भारत में सिनेमा के परिदृश्य को 'अगली पीढ़ी के मिनी-थियेटरों' के निर्माण से बदलने का है।
निरहुआ ने बताया कि सिनेमा न सिर्फ मनोरंजन का साधन है बल्कि लोगों के बीच संदेश देने का भी काम करता है। गांव के दूरदराज इलाकों में सिनेमा थियेटर नहीं होने की वजह से महिलायें सिनेमा देखने में वंचित रह जाती थी। अब तहसील में मिनी थियेटर खोले जाने से उन्हें सिनेमा देखने का अवसर मिल सकेगा। सिनेमा से लोगों में राष्ट्रीयता की भावना उत्पन्ना होती है। मिनी सिनेमा का उद्देश्य मात्र मनोरंजन नहीं है, बल्कि इसे शिक्षा के साथ भी जोड़ा जाएगा। थिएटर के माध्यम से युवाओं को आईआईटी और आईआईएम से संबंधित शिक्षा भी दी जाएगी।
जादूज के प्रबंध निदेशक राहुल नेहरा ने कहा कि हमें निरहुआ जी के साथ जुड़ने पर बहुत गर्व है। उनका उद्देश्य मध्य भारत में मनोरंजन और शिक्षा को आकार देना है। मिनी थियेटर पूरा थियेटर वातानुकूलित होगा। इसके अलावा इसमें हाईटेक सुविधा होगी जिसमें थ्री डी और वीएफएक्स भी होगा। इसमें मनोरंजन के साथ हम लोग सिनेमा के क्षेत्र में भविष्य बनाने वाले लोगों के लिये तकनीकी शिक्षा के क्लासेस भी चलाएंगे ताकि जो गरीब और गांव के होनहार बच्चे हैं, वह पढ़ सके। इस तरह की पहल से सिनेमा और मनोरंजन के साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
राहुल नेहरा ने कहा कि जादूज मिनी थियेटर में हिंदी,भोजपुरी, बच्चों और महिलाओं पर आधारित गुणवत्तापूर्ण फिल्में दिखायी जायेंगी। उन्होंने कहा कि इस मिशन की शुरुआत पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश से शुरू की गयी थी। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ,बनारस ,जौनपुर ,मुरादाबाद ,आजमगढ़ समेत कई जिलों में मिनी थियेटर बनाये जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य तीन साल के अंदर 500 मिनी थियेटर बनाने का है। उन्होंने कहा कि मिनी थियेटर बनाने के इच्छुक लोग 10 लाख रुपये निवेश कर हमारे पार्टनर बन सकते हैं। इसके बाद हमारी कंपनी भी उन्हें मदद करेगी। हमारे बीच यह एग्रीमेंट 10 वर्षों
का होगा।
जादूज के निदेशक मनीष शर्मा ने बताया कि बिहार के दरभंगा, छपरा, बेगूसराय, समस्तीपुर और मुजफ्फपुर में शुरुआती दौर में मिनी थियेटर खोले जा रहे हैं। साल के अंत तक बिहार में 15 थियेटर शुरू कर दिये जायेंगे।