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राज्य » बिहार / झारखण्ड


श्री कुमार ने कहा कि पुराने महत्वपूर्ण भवनों को रेटरोफिटिंग करके भूकम्परोधी बनाया जा रहा है। हालांकि इसमें काफी खर्च आ रहा है, जो ज्यादा महत्वपूर्ण सरकारी भवनें हैं, उन्हें ही रेटरोफिटिंग द्वारा भूकंपरोधी बनाया जाना है। जिन भवनों की आयु काफी हो गई है, उनकी जगह नया बनाना ज्यादा अच्छा है। उन्होंने कहा कि पटना को भूकम्प जोन चार और पांच में रखा गया है लेकिन उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यहां बनने वाले भवनों का निर्माण भूकम्प जोन पांच को ही आधार बनाकर किया जाए ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि जापान में आधारभूत संरचना का निर्माण इस तरह से होता है कि आपदा की स्थिति में कम से कम क्षति होती है। जापान में आपदा के समय लोग एक दूसरे की मदद करते हैं। वहां के लोगों में आत्मानुशासन का भाव है।
कार्यक्रम को आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पी. एन. राय, राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के पूर्व सदस्य के. एम. सिंह एवं पूर्व सदस्य डॉ. मुजफ्फर अहमद ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुनील कुमार, एडीजी विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव सांवर भारती, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार में यूनिसेफ के प्रतिनिधि अशद-उर-रहमान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गांधी नगर के प्रो. विमल मिश्र, सहित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, गृह रक्षा वाहिनी, इंजीनियरिंग एवं पाॅलिटेक्निक के छात्र, वास्तुविद् और अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
सूरज उपाध्याय
रमेश
वार्ता
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