राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Nov 7 2018 7:09PM दीपावली दीपों का त्यौहार है और इस दिन रोशनी का विशेष महत्व होता है। कार्तिक अमावस्या की काली रात को दीयों से उजाले में बदलने की यह परंपरा बहुत पुरानी है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय कार्तिक अमावस्या को ही लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं इसलिए इसी दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। कलयुग में सांसारिक वस्तुओं और धन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस युग में लक्ष्मी जी ही ऐसी देवी हैं जो अपने भक्तों को संसारिक वस्तुओं से परिपूर्ण करती हैं और धन देती हैं। ऐसी भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री रामचंद्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर तथा रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने राम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। उसी परंपरा को आज भी हम मानते हैं और दीपावली पर दीये जलाकर मर्यादा पुरुषोत्तम राम को याद करते हैं। दीपावली के दिन लक्ष्मी, गणेश की पूजा करने का विधान है। इसके साथ भगवान राम और सीताजी को भी पूजा जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि गणेश पूजन के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। दीपावली धार्मिक कारणों से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी एक अहम पर्व है। ज्यादातर लोग इस दिन घर की पूरी सफाई और रंगाई करते हैं, जिससे जहां पूरे साल सफाई नहीं होती वहां भी सफाई हो जाती है। साथ ही बरसात के कारण जो कीट उत्पन्न होते हैं वह दीपावली के दीये और पटाखे में नष्ट हो जाते हैं।शिवा सूरजवार्ता