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राज्य » बिहार / झारखण्ड


धूमधाम से मनायी जा रही है भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा

पटना 09 नवंबर (वार्ता) बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में भैया दूज और चित्रगुप्त भगवान की पूजा धूमधाम के साथ मनायी जा रही है।
भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह के प्रतीक का पर्व ‘भैयादूज’ और कलम के आराध्य देव भगवान चित्रगु्प्त की पूजा बिहार में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनायी जा रही है।भाई दूज को ‘यम द्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है। इस पर्व को बड़ी श्रद्धा-भक्ति और निःस्वार्थ प्रेम के रूप में मनाया जाता है।
रक्षाबन्धन के अलावा भाई दूज ऐसा दूसरा त्योहार है, जो भाई बहन के अगाध प्रेम को समर्पित है।यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही महत्व रखता है। भाई दूज के दिन विवाहिता बहनें अपने भाई को भोजन के लिए अपने घर पर आमंत्रित करती है। भाई-बहन का प्यार अटूट होता है, विवाहिता बहन अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उसकी लम्बी उम्र की कामना करती है।इसके बदले भाई भी उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार देते हैं।
भैया दूज के दिन गोधन कूटने की प्रथा भी है. गोबर की मानव मूर्ति बना कर छाती पर ईंट रखकर स्त्रियां उसे मूसलों से तोड़ती हैं।जगह-जगह महिलायें गोधन कूटने की रस्म को पूरा करते हुए अपने भाइयों के लंबी उम्र की कामना कर रही हैं। ऐसी मान्यता है कि गोधन कूटने वाली बहनों के भाइयों की उम्र लंबी हो जाती है।
भगवान चित्रगुप्त की पूजा भी पूरे बिहार मे धूमधाम के साथ मनायी जा रही है। चित्रांश परिवार में कलम दवात की पूजा को लेकर गजब उत्साह देखनें को मिल रहा है। कायस्थ समाज के लोग काफी श्रद्धा के साथ अपने घरों के अलावा मंदिरों में भी कलम और दवात की पूजा कर रहे हैं।राजधानी पटना में कई जगहों पर भगवान चित्रगु्प्त की प्रतिमाएं स्थापित की गयी है।गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी ,अनिसाबाद के अलावा कई जगहों पर चित्रगुप्त पूजा का विशेष आयोजन किया गया है। इस अवसर पुरुष अपने आय-व्यय का पूरा ब्योरा भगवान चित्रगुप्त के समक्ष रख रहे हैं।
प्रेम
वार्ता
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