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छठ की महिमा दिखाने के लिये राजा जगन्नाथ प्रसाद ने बनायी थी फिल्म

पटना 12 नवंबर (वार्ता) बिहार के औरंगाबाद के राजा जगन्नाथ प्रसाद सिंह किंकर ने छठ की महिमा को दिखाने के लिये बिहार की पहली मूक फिल्म छठ मेला का निर्माण किया था।
बिहार के औरंगाबाद जिले के देव में प्राचीन सूर्य मंदिर है जहां छठ पूजा के समय भव्य मेला लगता है। राजा जगन्नाथ ने देव मंदिर और यहां के छठ मेला की महिमा को देश भर के लोगों तक पहुंचाने के लिए वर्ष 1930 में छठ मेला नामक मूक फिल्म निर्माण किया था। 16 एमएम की यह फिल्म चार रील में बनायी गयी थी।इस फिल्म को बनाने के लिये लंदन से उपकरण खरीदे गये थे और फिल्म की एडिटिंग के लिए लंदन से जोसेफ ब्रूनो को बुलाया गया था। फिल्म का रेखांकन और चित्रांकन गौरी शंकर सिंह रैन ने किया था
मूक फिल्मों के दौर में राजा जगन्नाथ ने बिहार में पहली फिल्म बनायी थी इस लिए उन्हें बिहार का दादा साहेब फाल्के कहा जाता है। फिल्म 'छठ मेला' एक तरह से डॉक्यूमेंट्री फिल्म थी। राजा जगन्नाथ ने इस फिल्म को बनाने के लिए एक स्टूडियो भी बनाया था। इस फिल्म को बनाने में 32 दिन लगे थे। इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक और लेखक राजा जगन्नाथ ही थे। फिल्म में राजा जगन्नाथ के पुत्र, वे खुद और गया के अवध बिहारी प्रसाद ने अभिनय किया था। फिल्म बनने के बाद इसका पहला प्रदर्शन राजा जगन्नाथ के महल के मैदान में किया गया था। फिल्म केा देखने के लिए गया, जहानाबाद औरंगाबाद, नवादा, सासाराम और पटना से लोग वहां पहुंचे थे।
प्रेम
वार्ता
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