Saturday, Apr 20 2024 | Time 07:19 Hrs(IST)
image
राज्य » बिहार / झारखण्ड


लोकरूचि-सामा-चकेवा बिहार दो पटना

सामा-चकेवा हिमालय की तलहट्टी से लेकर गंगा तट तक और चम्पारण से लेकर मालदा-दीनाजपुर (बंगाल) तक मनाया जाता है। दीनाजपुर मालदह में बंगला भाषी होने के बाद भी वहां की महिलाएं एवं युवती सामा-चकेवा की मैथिली गीतें ही गाती हैं जबकि चम्पारण में भोजपुरी मिश्रित मैथिली सामा-चकेवा के गीत गायें जाते हैं।
पौराणिकता एवं लौकिकता के इस लोक पर्व की अपनी अलग कहानी है। भगवान कृष्ण की पुत्री श्यामा और पुत्र शाम्भ के बीच स्नेह पर आधरित यह पर्व आज भी खासकर मिथिलांचल में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। भगवान कृष्ण की पुत्री श्यामा ऋषि कुमार चारूदत्त से ब्याही गयी थी। श्यामा ऋषि मुनियों की सेवा करने बराबर उनके आश्रमों में जाया करती थी। भगवान कृष्ण के दुष्ट स्वभाव के मंत्री चुरक को यह रास नहीं आया और उसने राजा को श्यामा के विरूद्ध कान भरना शुरू किया। क्रुद्ध होकर भगवान श्रीकृष्ण ने श्यामा को पक्षी बन जाने का श्राप दे दिया।
श्यामा का पति चारूदत्त भी भगवान महादेव की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न कर स्वयं भी पक्षी का रूप प्राप्त कर लिया। श्यामा के भाई एवं भगवान श्रीकष्श्ण के पुत्र शाम्भ अपने बहन-बहनोई की इस दशा से मर्माहत होकर अपने पिता की ही आराधना शुरू किया। जिससे प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उससे वरदान मांगने को कहा। तब पुत्र से अपनी बहन-बहनोई को मानव रूप में वापस लाने का वरदान मांगे जाने पर उन्हें पूरी सच्चाई का पता लगा और उन्हें श्राप मुक्ति के उपाय बताते हुए कहा कि श्यामा रूपी सामा एवं चारूदत्त रूपी चकेवा की मूर्ति बनाकर उनके गीत गाये और चुरक की कारगुजारियों को उजागर करें तो वे दोनों पुनः अपने पुराने स्वरूप को प्राप्त कर सकेंगे।
जनश्रुति के अनुसार शरद महीने में सामा-चकेवा पक्षी की जोड़िया मिथिला में प्रवास करने पहुंच गयी थी भाई साम्भ भी उसे खोजते मिथिला पहुंचे और वहां की महिलाओं से अपने बहन-बहनोई को श्राप से मुक्त करने के लिये सामा-चकेवा का खेल खेलने का आग्रह किया और कहते हैं कि उसी द्वापर युग से आजतक इसका आयोजन हो रहा है।
प्रेम
जारी वार्ता
More News
बिहार: 48.23 प्रतिशत मतदाताओं ने 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में किया लॉक

बिहार: 48.23 प्रतिशत मतदाताओं ने 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में किया लॉक

19 Apr 2024 | 9:10 PM

पटना 19 अप्रैल (वार्ता) बिहार में प्रथम चरण की चार लोकसभा सीट गया (सु), औरंगाबाद, नवादा और जमुई (सु) में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए मतदान में लगभग 48.23 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट कर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समेत 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लॉक कर दिया।

see more..
image