राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Nov 15 2018 4:30PM राष्ट्रपति ने कहा कि देश केवल कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने के दौर से बाहर निकल चुका है और अब कृषि उत्पादों की गुणवत्ता एवं उनके पोषक महत्व पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि केवल उत्पादकता में वृद्धि ही काफी नहीं है बल्कि खाद्यान्नों के पोषक तत्व को भी महत्व दिया जाना जरूरी है। श्री कोविंद ने कृषि विकास मे वैज्ञानिकों को अग्रणी भूमिका निभाने के साथ-साथ नई तकनीकों को विकसित करने का आह्वान किया और कहा कि देश और राज्य को विकसित करने मे कृषि विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कृषि के पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहने के बजाय उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवाचार अपनाने पर ध्यान केंद्रित किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखा गया है कि शीर्ष संस्थानों से कृषि विज्ञान में स्नातक उत्तीर्ण कृषि क्षेत्र में नवाचार अपनाते हैं और उनके प्रयोग काफी लाभकारी सिद्ध होते हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि कई कृषि स्नातकों ने जैविक कृषि को अपनाया है, जो कृषि के अन्य तरीकों के मुकाबले काफी बेहतर है। जैविक खेती से उत्पादन बढ़ने के साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार देखा गया है।” उन्होंने कहा कि जैविक कृषि उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को इनसे सीख लेनी चाहिए और कृषि के क्षेत्र में कुछ बेहतर करने का प्रयास करने चाहिए। श्री कोविंद ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नवाचार अपनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। केंद्र ने मुद्रा योजना, वेंचर कैपिटल फंड एवं कई अन्य योजनाएं शुरू की है, जो कृषि क्षेत्र में सुनहरे अवसर उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की इन योजनाओं की बदौलत कृषि छात्र अपना वेंचर शुरू कर सकते हैं।सूरजजारी (वार्ता)