राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Nov 15 2018 4:51PM राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय किसान आयोग की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है, जिससे प्रमाणित होता है कि देश में कृषि की अपार संभावनाओं का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने एवं कृषकों को सहायता देने के उद्देश्य से सरकार ने फसल बीमा योजना, किसान संपदा योजना एवं किसानों को उचित मूल्य पर कृषि उत्पाद बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराने जैसे कदम उठाये हैं। श्री कोविंद ने कहा, “बिहार मेरे लिए विशेष स्थल रहा है, न केवल इसलिए कि मैने राज्यपाल के रूप में यहां अच्छा समय व्यतीत किया है बल्कि इस राज्य के ऐतिहासिक महत्व को समझने का भी अवसर मिला है। इस भूमि से ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद एवं महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर ने देश की राजनीति एवं सामाजिक क्षेत्र पर अमिट छाप छोड़ी है।” उन्होंने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद का छात्र जीवन विद्यार्थियों के लिए बहुमूल्य है इसलिए छात्रों को देश के लिए डॉ. प्रसाद के योगदान को समझने का अवसर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति को विद्यार्थियों को डॉ. प्रसाद के जन्म स्थल जीरादेई के भ्रमण की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि छात्रों को प्रथम राष्ट्रपति के जनमस्थल का भ्रमण करने का मौका नहीं मिला तो उन्हें इसका जीवनभर अफसोस रहेगा। श्री कोविंद ने कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में बिहार के योगदान की सराहना करते हुये कहा कि इन क्षेत्रों में बेहतर काम करने के लिए राज्य को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही बिहार सरकार ने पशुओं की देखभाल करने के लिए काफी ठोस कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के लिए समस्तीपुर उचित स्थल है क्योंकि महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर एवं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर इस धरती से जुड़े हैं।सूरजजारी (वार्ता)