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राज्य » बिहार / झारखण्ड


श्री कोविंद ने कहा कि यही स्थिति अन्य तकनीकी संस्थाओं में भी देखने को मिली है। इसमें सुधार लाना बेहद जरूरी है। उच्च तकनीक और वैज्ञानिक संस्थानों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आज भारत को भी ‘मिसाइल वुमन’ के नाम से जानी जाने वाली डॉक्टर टेसी थॉमस जैसी महिला टेक्नोलॉजी लीडर्स की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने नजदीक से इस राज्य को देखा है। बिहार की यह धरती प्रतिभा की धनी है। आर्यभट और चाणक्य जैसे अनेक विद्वानों से यह क्षेत्र गौरवान्वित रहा है। प्राचीन काल में ही आर्यभट ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "आर्यभटीयम” में अरिथमेटिक, ट्रिग्नोमेट्री, क्वाड्रेटिक ईक्वेशन्स तथा साइन टेबल जैसे गणित के आधुनिक विषयों पर लिखा था। उन्होंने पाई के मूल्य की जो गणना की थी वह आधुनिक गणितज्ञों द्वारा की गई गणना के अत्यंत समीप है।
श्री कोविंद ने कहा कि बिहार आधुनिक शिक्षा का भी एक प्रमुख केंद्र रहा है। यह इंजीनियरिंग कॉलेज, देश के सबसे पहले स्थापित किए गए इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक है। आज इस संस्थान की एक अखिल भारतीय पहचान है, जिससे अन्य राज्यों के बेटे बेटियाँ आकर्षित हुए हैं। उन्हें बताया गया है कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी 18 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने भी इसी परिसर में अपनी इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की थी। इसी तरह परमाणु ऊर्जा विभाग के पूर्व निदेशक रत्न कुमार सिन्हा और इसी वर्ष पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 'तेजस' विमान प्रोजेक्ट के निदेशक डॉ मानस बिहारी वर्मा ने भी यहीं से शिक्षा प्राप्त की है। उन्हें उम्मीद है कि उपलब्धियों की इस परंपरा को यहां के छात्र और आगे बढ़ाएंगे।
शिवा सूरज
जारी वार्ता
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