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श्री टंडन ने कहा कि कहा कि विश्व में मात्र यही एक भाषा है जो सभी प्राणियों के सुख,आरोग्य एवं कल्याण की कामना करती है। उन्होंने कहा, “संस्कृत के ज्ञान के अभाव में हम न तो भारतीय सांस्कृतिक की संवृद्धि और विपुल ज्ञान सम्पदा से परिचित हो पाएंगे और न ही अपने राष्ट्र की बहुलता व एकात्मकता को ही सुरक्षित रख पाएंगे।”
राज्यपाल ने संस्कृत को ही एकमात्र वैज्ञानिक भाषा बताया और कहा कि संस्कृत जैसी बोली जाती है वैसी ही लिखी भी जाती है। दुनिया के अनेक भाषाविदों ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि आधुनिक तकनीकी विकास के युग में तथा कम्प्यूटर के दृष्टिकोण से भी संस्कृत सर्वाधिक उपयुक्त भाषा है। भाषावाद, प्रांतवाद, क्षेत्रवाद, नक्सलवाद, आतंकवाद,जातिवाद जैसे नकारात्मक विचारों को चुनौती देने तथा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए संस्कृत भाषा की समग्र उन्नति के सार्थक प्रयास किये जायें।
कुलाधिपति ने कहा कि वस्तुतः जगद्गुरु के रूप में यदि पुनः भारत को प्रतिष्ठित करना है तो संस्कृत भाषा साहित्य को संवृद्ध करना होगा। उन्होंने आगाह किया कि समय रहते संस्कृत में दुर्लभ पाण्डुलियों का संरक्षण एवं डिजिटलाइजेशन जरूरी है। तकनीकी विकास का लाभ उठाकर प्राचीन गौरवशाली व दुर्लभ कृतियों को संरक्षित कर लेना चाहिए। उन्होंने महाराज कामेश्वर सिंह के प्रति भी आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि जिस आशा एवं भरोसे से उन्होंने इस संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की थी उसमें यह खरा उतरेगा।
सं सूरज उमेश
जारी (वार्ता)
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19 Apr 2024 | 9:10 PM

पटना 19 अप्रैल (वार्ता) बिहार में प्रथम चरण की चार लोकसभा सीट गया (सु), औरंगाबाद, नवादा और जमुई (सु) में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए मतदान में लगभग 48.23 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट कर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समेत 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लॉक कर दिया।

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