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राज्य » बिहार / झारखण्ड


राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के चरित्र-निर्माण का भी गुरूतर दायित्व कुशलतापूर्वक निभा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में विक्रमशिला एवं नालन्दा जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों का अस्तित्व ज्ञान, विद्या एवं शिक्षा के प्रति हमारे संकल्प को प्रदर्शित करता है। देश अब विश्व को पुनः नेतृत्व प्रदान करने के लिए सक्षम होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि वस्तुतः आज देश का सांस्कृतिक पुनरोदय हो रहा है।
श्री टंडन ने कहा कि देश में शिक्षा के विकास के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है और हरसंभव प्रयास भी किए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में देश में उच्च शिक्षा का तेजी से विस्तार हुआ है और अब उच्च शिक्षा राज्य क्षेत्र से बाहर निकलकर गैर-परम्परागत तथा निजी क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रही है। उच्च शिक्षा के इस विस्तार में केवल परम्परागत तरीके की शिक्षा ही महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि गैर-परम्परागत शिक्षा जैसे -दूरस्थ शिक्षा-पद्धति का भी महत्त्व बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है।
कुलाधिपति ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि आज नालन्दा खुला विश्वविद्यालय ने अपने तेरहवें दीक्षान्त समारोह का आयोजन किया है। यह विश्वविद्यालय बिहार का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जो वर्ष 2018 की परीक्षा की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर इसी वर्ष अपने उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधि भी प्रदान कर रहा है। राज्य के अन्य सभी विश्वविद्यालय भी जब अपने निर्धारित ‘परीक्षा कैलेंडर’ के अनुरूप परीक्षा का आयोजन, परीक्षाफल का प्रकाशन तथा डिग्री वितरण का कार्य ससमय सुनिश्चित कर पाने में सफल हो जाएंगे -वही आदर्श स्थिति सभी बिहारवासियों के लिए वास्तविक संतोष और प्रसन्नता की होगी।”
सूरज
जारी (वार्ता)
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