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राज्य » बिहार / झारखण्ड


श्री टंडन ने कहा कि ‘दीक्षान्त’ का अर्थ पढ़ाई का अन्त नहीं है। यह वास्तव में जीवन की लम्बी यात्रा का एक पड़ाव है, इसके आगे ज्ञान की खोज में बढ़ते जाना है। उन्होंने कहा कि आज चारित्रक गुणों का परिवर्द्धन अनिवार्य है। आत्मानुशासन चरित्र-निर्माण का मेरूदंड है। नैतिक मूल्य और मर्यादा से ही सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लग सकता है। स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मन और स्वस्थ विचार जीवन और जगत को भयमुक्त बनाते हैं।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में आप अपने उच्च नैतिक मूल्यों और प्राप्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बदौलत राष्ट्र-निर्माण में सशक्त और सार्थक भूमिका निभाएंगे।’’ कार्यक्रम में कुलाधिपति ने स्वर्णपदक विजेता विद्यार्थियों को ‘गोल्ड मेडल’ एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय के विकास के लिए राज्य सरकार दृढ़संकल्पित है और हर तरह का सहयोग करने को तैयार है। इस मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, संयुक्त कुलसचिव अमरनाथ पांडेय एवं अन्य कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सूरज
वार्ता
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