राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Dec 14 2018 5:09PM ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित हो रहा मानव जीवन: झादरभंगा, 14 दिसंबर (वार्ता) जाने माने पर्यावरणविद विद्यानाथ झा ने ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरों के प्रति आगाह करते हुए आज कहा कि इसके प्रभाव के कारण प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि से मानव जीवन लगातार प्रभावित हो रहा है। श्री झा ने यहां स्वयंसेवी संस्था डाॅ. प्रभात दास फाउंडेशन एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर (अंग्रेजी) विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘ग्लोबल वार्मिंग का असर’ विषयक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है। इससे समस्त सजीव जगत प्रभावित हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में निरंतर वृद्धि होने से पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बिगड़ गया है। हिम ग्लेशियर पिघलने से वाष्पीकरण की क्रिया तेज हो गयी है जिससे कहीं अनियंत्रित बारिश हो रही है, तो कहीं सूखा पड़ रहा है। पर्यावरणविद ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को रोकना किसी एक व्यक्ति के वश में नहीं है। इसके लिए पूरी मानव जाति को सामूहिक प्रयास करना होगा। सभी को पर्यावरण की सेहत के बारे में सोचकर ही कार्य करना होगा तभी इसके असर को कम किया जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्षा डाॅ. अरूणिमा सिन्हा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिग से कोई भी देश अछूता नहीं है। इसका प्रभाव आज पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। यदि वर्तमान गति से यह जारी रहा तो आने वाले 30-40 वर्षो में पृथ्वी का तापमान इतना अधिक बढ़ जायेगा कि समुद्र के जलस्तर में भारी वृद्धि होगी और तटवर्तीय इलाके जलमग्न हो जायेंगे। सुश्री सिन्हा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग कम करने के लिए एक ओर जहां वनों का संरक्षण करना होगा वहीं दूसरी तरफ बिजली के उपकरणों को अनावश्यक रूप से उपयोग रोकना होगा। सबसे बड़ी बात कार्बन डायोक्साईड का उत्सर्जन कम करना होगा। सं.सतीशवार्ता