राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Jan 24 2019 7:39PM राजनीति.नीतीश बिहार दो पटनाश्री कुमार ने कहा कि देश में जातियों का सही आंकड़ा जानने के लिए वर्ष 2021 में जातीय आधार पर जनगणना करायी जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि कई जातियों की ओर से आबादी के हिसाब से आरक्षण देने की मांग की जा रही है। ऐसे में जब एक बार जाति का सही सही आंकड़ा मालूम हो जायेगा तब इस बारे में कोई भी फैसला लेने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में जब जातीय आबादी का आंकड़ा सामने आ जायेगा तब आरक्षण की अधिकतम सीमा को जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जा सकेगा और इसके लिए आवश्यक संविधान संशोधन भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना वर्ष 2011 में करायी गयी लेकिन कई जातियों की संख्या इससे स्पष्ट नहीं हो सकी। दरअसल एक ही जाति के लोग अलग-अलग स्थानों पर अपनी जाति को अलग-अलग बताते हैं जिससे बड़ी विसंगतियां पैदा हुयी । श्री कुमार ने कहा कि महान समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान पिछड़ों के आरक्षण का फार्मूला दिया था। इसमें अति पिछड़ी जातियों को एनेक्सचर एक और अन्य पिछड़ी जातियों को एनेक्सचर दो में रखा गया। उन्होंने कहा कि बिहार में जब राष्ट्रीय जनता दल का शासन था तब राज्य सरकार की सेवाओं में कर्पूरी फार्मूले में बदलाव की कोशिश की जा रही थी लेकिन जब उन्होंने इसका विरोध किया तब राज्य सरकार को अपना कदम वापस लेना पड़ा। शिवा उमेश जारी वार्ता