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राजनीति: कुशवाहा नीतीश दो अंतिम पटना

रालोसपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी की राजभवन मार्च के दौरान जब लाठी चार्ज हो रहा था तब सादे लिबास में कुछ लोगों ने डंडा लेकर उनपर हमला किया। हालांकि पार्टी के मुस्तैद कार्यकर्ताओं की बदौलत वह बच सके। मुख्यमंत्री ने बाद में पत्रकारों द्वारा लाठीचार्ज के संबंध में पूछे जाने पर कहा था कि यह सब चुनाव के समय होता है और रालोसपा के कार्यकर्ता हिंसा पर उतारू थे इसलिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि तीन वर्ष पूर्व जब आरा से उग्र भीड़ आकर राजधानी पटना में पुलिस को पीटती है तब उस समय उन्हें कुछ दिखायी नहीं पड़ा। पुलिस मार खा रही थी वाबजूद इसके सरकार मूकदर्शक बनी रही।
श्री कुशवाहा ने कहा कि जब शिक्षा में सुधार की बात रालोसपा कर रही है तो ऐसे में श्री कुमार को भीड़ हिंसक दिखायी पड़ रही है। सच्चाई क्या है यह बिहार की जनता जानना चाहती है। इसके लिए यह जरूरी है कि पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित जांच दल पूरे मामले की छानबीन करे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पर भी पुलिस ने उनके समेत तीन लोगों पर नामजद तथा 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ पटना के कोतवाली थाना में मामला दर्ज किया है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस ने गलत और मनगढ़ंत मामला दर्ज किया है । इसके लिए वह नौ फरवरी को पटना के कोतवाली थाना में सभी नामजद और अज्ञात लोगों को लेकर पहुंचेंगे और गिरफ्तारी देंगे। एक सवाल के जवाब में कहा कि जमानत मांगने नहीं जायेंगे । जो भी कानून सम्मत होगा वह किया जायेगा।
उपाध्याय शिवा उमेश
वार्ता
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