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दहेज हत्या के मामले में पति को फांसी

गोपालगंज, 29 मार्च (वार्ता) बिहार में गोपालगंज जिले की एक सत्र अदालत ने दहेज हत्या के करीब एक दशक पुराने मामले में आज आरोपित पति को फांसी तथा गोतनी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार ने यहां मामले में सुनवाई के बाद मृतका संजीदा खातून के पति नसरुद्दीन उर्फ लालू को भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में दोषी करार देने के बाद फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने मामले की एक अन्य अभियुक्त और मृतका की गोतनी सलामुनेसा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा के साथ पचास हजार रुपये का जुर्माना भी किया। सजा के बाद दोनों दोषियों को जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि जिले के मांझागढ़ थाना क्षेत्र के दुलदुलिया गांव के अब्दुल जब्बार की बेटी संजीदा खातून की शादी वर्ष 2003 में थावे थाना के हरदिया गांव निवासी मकसूद आलम उर्फ वकील अहमद के पुत्र नसरुद्दीन उर्फ लालू के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही विवाहिता को मोटरसाइकिल के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर 17 मार्च 2007 को संजीदा की जहर देकर हत्या कर दी गई और उसके शव को निजी कब्रिस्तान में दफना दिया गया।
इस मामले में संजीदा के पिता ने उसके पति, ससुर और गोतनी के खिलाफ संबंधित थाना में एक नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद संजीदा के शव को कब्र खोदकर बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम कराया गया और बिसरा को जांच के लिए भेजा गया था। जांच से उसके शरीर में अत्यधिक विषाक्त पदार्थ पाए जाने की पुष्टि हुई। सुनवाई के दौरान ही मृतका के ससुर की मृत्यु हो गई।
सं.सतीश
वार्ता
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