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ए.के.47 बरामदगी मामले में तीन अभियुक्त को मिली जमानत

पटना 11 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश के जबलपुर आयुध डिपो से चोरी गये अत्याधुनिक राइफल ए.के.47 की बिहार के मुंगेर जिले से बरामदगी के मामले में तय समयसीमा के अंदर आरोप-पत्र दाखिल नहीं होने के कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पटना स्थित विशेष अदालत ने आज तीन अभियुक्तों को जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया।
विशेष न्यायाधीश अजीत कुमार सिन्हा की अदालत में इस मामले में जेल में बंद अभियुक्त सुरेश शर्मा, पवन मंडल और सनोज यादव की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि अनुसंधान के लिए 180 दिनों की निश्चित अवधि पूरी होने के बावजूद उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया गया है। इसलिए, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) के तहत उन्हें जमानत पर मुक्त किया जाये। न्यायालय ने प्रार्थना स्वीकार करते हुये तीनों अभियुक्त को दस-दस हजार रुपये के दो जमानतदारों के साथ उसी राशि का बंध-पत्र (बॉन्ड पेपर) दाखिल करने की स्थिति में जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में पुलिस ने मुंगेर से तीन ए.के.47 बरामद की थी। मुंगेर मुफस्सिल थाने में इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में पता चला कि मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित सेना के आयुध डिपो से 29 अगस्त 2018 को 21 ए.के.47 राइफल की चोरी हुई थी, जिसमें डिपो के कर्मियों का भी हाथ था। मुंगेर से गिरफ्तार अभियुक्त के बयान से पता चला कि जबलपुर से चोरी गई राइफलों को माओवादियों और अन्य अपराधियों को बेचा गया है।
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश से एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में ली और अनुसंधान शुरू किया। इस मामले में अब तक 16 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। एनआईए ने पांच मार्च 2019 को इस मामले के छह अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। अन्य अभियुक्तों के खिलाफ जांच जारी है।
सं सूरज सतीश
वार्ता
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