राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: May 10 2019 3:35PM कथित नक्सलियों की आरोप विमुक्ति याचिका खारिजपटना, 10 मई (वार्ता) बिहार की राजधानी पटना स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने लेवी वसूली, अवैध आग्नेयास्त्र की बरामदगी और विधि विरूद्ध क्रियाकलापों में लिप्त रहने के मामले में आज चार कथित नक्सलियों की आरोप विमुक्ति याचिका खारिज कर दी।एनआईए के विशेष न्यायाधीश अजीत कुमार सिन्हा की अदालत में मामले के आरोपित उमेश यादव, दिलीप सहनी, मुसाफिर सहनी और दिलीप राम की ओर से एक याचिका दाखिल कर उन्हें इस मामले में आरोपों से विमुक्त किये जाने की प्रार्थना की गयी थी। दूसरी ओर, एनआईए ने मामले में दाखिल किये गये आरोप पत्र का हवाला देते हुए आरोपितों की प्रार्थना का विरोध किया। याचिका पर दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद अदालत ने सभी को आरोपों से मुक्त करने से इंकार कर दिया।गौरतलब है कि 18 मार्च 2018 और उससे पूर्व मुजफ्फरपुर जिला पुलिस ने छापेमारी कर आरोपितों के पास से प्रतिबंधित आग्नेयास्त्र, आपत्तिजनक दस्तावेज और नक्सली साहित्य बरामद किये जाने का दावा किया था। साथ ही पुलिस ने आरोपितों के पास से दस्तावेज समेत करीब नौ लाख रुपये भी बरामद किया था जिसे लेवी के रूप में वसूली की रकम बताया था। मामले में पुलिस ने मुजफ्फरपुर सदर थाने में 18 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में लेकर आरोप पत्र दाखिल किया था। सभी आरोपित जेल में बंद है। सं.सतीशवार्ता