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शिक्षा को केवल सूचना तंत्र से जोड़ने से शोध कार्यों में मौलिकता का अभाव

पटना 29 मई (वार्ता) भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएसएसआर) के अध्यक्ष डॉ. बी. बी. कुमार ने आज कहा कि शिक्षा के साथ केवल सूचना-तंत्र को जोड़ने के कारण शोध-कार्यों में मौलिकता और गुणवत्ता नहीं आ पा रही है।
डॉ. कुमार ने यहां बिहार के राज्यपाल एवं कुलाधिपति लालजी टंडन की उपस्थिति में तिलकामांझी, भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा संयोजित ‘बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने के लिए संवेदीकरण कार्यशाला’ को संबोधित करते हुये कहा, “शिक्षा के साथ हमने सिर्फ सूचना-तंत्र को जोड़ा है, इसलिए हमारे शोध-कार्यों में मौलिकता और गुणवत्ता नहीं आ पा रही है। यह एक विडम्बना है कि अत्यन्त कोमल और भावुक बच्चों को हम अपने शिक्षण संस्थानों से ज्यादातर एक क्रूर और उग्र युवा बनाकर निकालते हैं।
आईसीएसएसआर के अध्यक्ष ने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षा पर गंभीरता से सोंचे। समाजशास्त्रियों को ही ‘थिंक-टैंक’ के रूप में शिक्षा के विकास के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास को अंग्रेज इतिहाकारों ने हमारी कुछेक विसंगतियों के कारण कलंकित करने का षड्यंत्रमूलक प्रयास जान-बूझकर किया है।
सूरज शिवा
जारी (वार्ता)
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