राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: May 30 2019 11:26PM नीतीश के इनकार से मोदी मंत्रिमंडल में बिहार के मंत्रियों की संख्या घटकर छहपटना 30 मई (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी की सांकेतिक भागीदारी स्वीकार करने से अंतिम समय में इनकार करने के कारण बिहार से केंद्रीय मंत्रियों की संख्या पिछली बार के सात से घटकर छह रह गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल सदस्यों की शपथ से ठीक पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की कि मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक भागीदारी में उनकी पार्टी की कोई दिलचस्पी नहीं है। इसलिए, उनकी पार्टी से कोई भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह से कल उनकी मुलाकात हुयी थी और उसमें उन्हें बताया गया कि राजग के सभी घटक दलों से एक-एक सदस्य को मंत्रिमंडल में शामिल किया जायेगा। इस पर उन्होंने श्री शाह को कल ही कह दिया था कि वह अपनी पार्टी के अंदर उनके इस प्रस्ताव पर बातचीत करेंगे और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे। पार्टी में सभी वरिष्ठ नेताओं से विचार किया गया और सबकी राय थी कि सांकेतिक भागीदारी में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। सूत्रों के अनुसार, जदयू तीन मंत्री पद मांग रहा था और भाजपा एक मंत्री पद से ज्यादा देने के लिए तैयार नहीं थी। दो मंत्रियों पर भी बात नहीं बनने पर श्री नीतीश कुमार ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से अलग रहने का फैसला किया है। मंत्री का एक पद मिलने से जदयू नाखुश है। पार्टी की नाराजगी पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी राजग में रहेगी, लेकिन सरकार में शामिल नहीं होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहार के छह सांसदों को जगह मिली है। इसमें भाजपा से रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, राजकुमार सिंह, अश्विनी कुमार चौबे को मंत्री बनाया गया है वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से रामविलास पासवान को दोबारा मोदी मंत्रिमंडल में मौका दिया गया है। वहीं श्री नित्यानंद राय को पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है। श्री नरेन्द्र मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री रहे राधामोहन सिंह और केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव को इस बार जगह नहीं मिली है। गौरतलब है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीट में से 17-17 पर जदयू और भाजपा तथा छह सीट पर लोजपा मिलकर लड़ी थी, जिसमें से भाजपा 17, जदयू 16 और लोजपा छह सीट पर विजयी हुयी।शिवा सूरजवार्ता