राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Jun 26 2019 8:10PM दूसरी हरित क्रांति में पहले के कुप्रभाव के निराकरण की चेष्टाः डॉ. सिंहदरभंगा, 26 जून (वार्ता) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वरीय वैज्ञानिक डॉ. यू.डी. सिंह ने आज कहा कि दूसरी हरित क्रांति में पहले के कुप्रभाव के निराकरण की चेष्टा सरकार कर रही है। डॉ. सिंह ने यहां आचार्य रामानाथ झा हेरिटेज श्रृंखला के तहत किराय मुसहर स्मृति व्याख्यान देते हुए कहा कि भूख मिटाने के एक मात्र लक्ष्य को लेकर शुरू की गयी हरित क्रांति देश में सफल रही लेकिन इसके कुप्रभाव भी देखने को मिले जिसे दूर करने का प्रयास दूसरी हरित क्रांति में किया गया है। वरीय वैज्ञानिक ने कहा कि मैक्सिको की हरित क्रांति को देखकर साठ के दशक में देश को भुखमरी से बचाने के लिए यह एक मात्र विकल्प था। आज यदि हरित क्रान्ति के अवदानों को छोड़ दे तो देश एक बार फिर भुखमरी के दौर में लौट सकता है। हालांकि, डॉ. सिंह ने माना कि हरित क्रांति देश में महज दो या तीन फसलों और दो या तीन राज्यों तक ही सिमटी रही, जिसका समुचित लाभ बिहार खासकर मिथिला जैसे इलाकों को नहीं मिला। सं.सतीश जारी वार्ता