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भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा का संरक्षण जरूरी : लालजी

भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा का संरक्षण जरूरी : लालजी

पटना 07 जुलाई (वार्ता) बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने आज कहा कि भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन बेहद जरूरी है।

श्री टंडन ने यहां राजभवन स्थित राजेन्द्र मंडप में आयोजित ‘राष्ट्रिय शास्त्रार्थ सभा’ का उद्घाटन करने के बाद कहा कि भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा का संरक्षण एवं संवर्द्धन नितांत आवश्यक है। भारतीय संस्कृति सदैव विश्वबंधुत्व में विश्वास करती रही है एवं इसमें विभिन्न तरह की विचारधाराओं, चिन्तन, दृष्टियों, दर्शन, परम्पराओं, रीतियों-नीतियों का सम्मिलन होता रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा भी भारतीय चिन्तन और दर्शन के बहुमूल्य ज्ञान का संचित कोष रही है।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में बराबर परस्पर विरोधी विचारधाराओं को भी पर्याप्त सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि भारत में तलवारों, तोपों और रक्तपात के बल पर परिवर्तन नहीं हुए हैं बल्कि यहां परिवर्तन के लिए वैचारिक क्रांतियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि ‘शास्त्रार्थ’ इसी वैचारिक विमर्श की प्राचीन विधा है जिसके अंतर्गत वेदों, उपनिषदों, पुराणों और विभिन्न भारतीय ग्रन्थों के आधार पर किसी विषय में पर्याप्त तक-वितर्क, चिन्तन-मनन करते हुए निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास किया जाता है।

सूरज

जारी (वार्ता)

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