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शास्त्रार्थ के जरिये हो संस्कृत शिक्षकों की बहाली : संजय

दरभंगा, 17 अगस्त (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरीय नेता एवं दरभंगा नगर के विधायक संजय सरावगी ने देव भाषा कही जाने वाली संस्कृत के विकास एवं संवर्धन के लिए शास्त्रार्थ के जरिये संस्कृत शिक्षकों की बहाली का सुझाव दिया है।

देश के प्रतिष्ठित संस्कृत विश्वविद्यालयों में शुमार दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में जारी संस्कृत सप्ताह के तीसरे दिन आयोजित शास्त्रार्थ कार्यक्रम में श्री सरावगी ने कहा कि राज्य के महाविद्यालयों में संस्कृत विषय के शिक्षक यदि खुद ही संस्कृत नहीं बोले तो चिंता होती है। इसलिए बेहतर होगा कि महाविद्यालयों में अब जो नए संस्कृत शिक्षकों की बहाली हो तो इसी तरह शास्त्रार्थ कराकर मेधा के आधार पर उनका चयन किया जाय। ऐसा करने से वस्तुतः देववाणी संस्कृत का ही फायदा होगा और तेज गति से उसका सम्बर्धन भी होगा।
श्री सरावगी ने स्पष्ट किया कि शिक्षकों के चयन सम्बन्धी उनके सुझाव को नकारात्मक दृष्टि से नहीं बल्कि सकारात्मक पहल के रूप में देखने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संस्कृत है तभी हमारी संस्कृति है। संस्कृत जीवन को दर्शन देती है। इसी से नैतिकता को बढ़ावा भी मिलता है। उनकी दिली इच्छा है कि संस्कृत गांव गांव में फैले।
विधायक ने कार्यक्रम के अध्यक्ष और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा की प्रशंसा करते हुए कहा कि विलुप्त हो चुकी शास्त्रार्थ परम्परा को इन्होंने जीवित कर दिया है। पूर्व में भी मिथिला में यह परम्परा अपने उत्कर्ष पर थी । मण्डन मिश्र एवं शंकराचार्य के बीच का शास्त्रार्थ कौन नहीं जानता।
सं.सतीश
वार्ता
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