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न्याय के क्षेत्र में मिथिला के योगदान

दरभंगा, 19 अगस्त (वार्ता) पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय ने न्याय के क्षेत्र में मिथिला के योगदान को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि न्याय मीमांसा एवं न्याय दर्शन पर मिथिला के विद्वानों का अहम योगदान रहा है।
देश के प्रतिष्ठित संस्कृत विश्वविद्यालयों में शामिल कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में जारी संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम के आज चौथे दिन श्री उपाध्याय ने कहा कि न्याय के क्षेत्र में मिथिला का बड़ा योगदान रहा है। न्याय के लिए यहां आदिकाल काल में ही कई सूत्र प्रतिपादित किये गए हैं। न्याय मीमांसा एवं न्याय दर्शन पर मिथिला के विद्वानों का अहम रॉल रहा है। एक तरह से कहें तो मिथिला न्याय के लिए आदर्श रहा है।
न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान समय में इस पर विदेशों में काम तो हो रहा है लेकिन अपने यहां ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि संस्कृत विश्वविद्यालय न्याय मीमांसा से सम्बंधित सूत्रों को संकलित करे, विधि की व्याख्या करे। न्याय पर हुए कार्यों को विश्वविद्यालय आगे बढ़ाए।
श्री उपाध्याय ने कहा कि शास्त्रार्थ बहुत पुरानी परंपरा रही है। इस परम्परा को जीवंत कर भी हम संस्कृत को विकसित एवं संवर्धित कर सकते हैं और अपने यहां की प्राचीन परम्पराओं का पाश्चात्य में कोई विकल्प भी नहीं है। यहां की परम्परा उन्नत रही है।हम विपक्षी का भी सुनते हैं। प्रजातन्त्र की मूल भावना भी तो यही है।
सं.सतीश
जारी वार्ता
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