Friday, Apr 26 2024 | Time 05:08 Hrs(IST)
image
राज्य » बिहार / झारखण्ड


मोक्षदायिनी फल्गु में पांव पड़ते ही आत्मा को मिल जाती है मुक्ति

गया, 13 सितम्बर (वार्ता) बिहार में ‘मोक्ष की धरती’ के नाम से विश्वविख्यात गयाधाम में मोक्षदायिनी फल्गु नदी में पांव पड़ते ही पितरों की आत्मा को मुक्ति मिल जाती है।
पितृपक्ष के दौरान पहले दिन फल्गु नदी में श्राद्ध कर्मकांड करने का प्रावधान है। ऐसी मान्यता है कि फल्गु नदी में पिंडदान करने से पितरों को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करने का महत्व है। इस कारण आज अहले सुबह से ही गया धाम में फल्गु नदी के देवघाट पर आस्थावान श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों लोगों ने फल्गु नदी में अपने पितरों और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया।
धार्मिक मान्यता है कि मोक्षदायनी फल्गु नदी में पांव पड़ते ही उससे उछलने वाले पानी की बूंद से पितरों की आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। पितर अपने वंशजों से कामना करते हैं कि उनके कुल में उत्तम पुत्रों में से कोई भी एक या कोई वंशज इसी प्रसंगवश (पितृपक्ष में) गया में पहुंचे और तर्पण करे। तर्पण से तृप्त होने पर पूर्वजों की आत्मा अपने वंशजों को जीवन, संपति, विद्या, स्वर्ग, मोक्ष आदि सुख तथा राज प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं। तर्पण करने से 108 कुल और सात पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है।
सं. सतीश सूरज
वार्ता
image