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मौजूदा ज्ञान युग की जरूरतों के अनुरूप हो नए-नए शोध : चौहान

दरभंगा 12 नवंबर (वार्ता) बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने कहा कि आज का युग ज्ञान का युग है और इसकी जरूरतों के अनुरूप नये-नये शोध होने चाहिये, जिससे शिक्षा में गुणात्मक विकास होगा।
श्री चौहान ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के ‘दशम दीक्षांत समारोह’ को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल नौकरी के लिये जरूरी नहीं बल्कि इससे मनुष्य में संवेदनशीलता और नैतिकता का भी विकास होता है। समाज के अभिवंचित, दलित और पिछड़े वर्ग को विकास की मुख्यधारा में लाना भी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मिथिला भारतवर्ष का एक समृद्ध सांस्कृतिक क्षेत्र है। यह भूमि दार्शनिकों की भूमि है। जनक, विद्यापति, दिनकर और नागार्जुन की यह गौरवशाली भूमि है।
कुलाधिपति ने ज्ञान, कर्म और साधना की इस पावन धरती की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2019 में ही दो-दो दीक्षांत समारोहों का आयोजन विश्वविद्यालय की जीवंतता का प्रमाण है। उन्होंने ‘दशम् दीक्षांत समारोह’की बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा छात्र-छात्राओं के जीवन की अनवरत यात्रा का सनातन पहलू है। आज दीक्षांत हो रहा है। पुस्तकों का ज्ञान आपको हासिल हो चुका है। अब आपको व्यावहारिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
सं सूरज
जारी (वार्ता)
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