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औरंगाबाद में ठंड ने तोड़ा रिकॉर्ड, मगही पान की फसल को भारी नुकसान

औरंगाबाद 30 दिसंबर (वार्ता) बिहार के औरंगाबाद जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने जहां पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है वहीं इससे मगही पान की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
औरंगाबाद में कड़ाके की ठंड ने पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं। आज यहां का न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया । ठंड और शीतलहर के कारण लोग अपने घरों में ही दुबके रहे। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारियों की उपस्थिति काफी कम देखी जा रही है और बाजारों में भी सन्नाटे की स्थिति है। हालांकि औरंगाबाद शहर में अंचल प्रशासन की ओर से कुछ स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है।
भीषण ठंड और शीतलहर का बेहद बुरा असर जिले के देव प्रखंड में बड़े पैमाने पर होने वाली मगही पान की खेती पर हुआ है। तापमान में अचानक आयी गिरावट से पान की फसल गल गयी है और इसके उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इससे पान उत्पादकों को काफी क्षति हुई है। औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर ने मगही पान उत्पादकों को हुई क्षति के लिए राज्य सरकार से सहायता प्रदान किए जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि देव के केताकी, पचोखर, एरोरा, बरई बिगहा लगभग बारह गांवों में उत्पादित होने वाली पान की किस्म मगही पान के नाम से विख्यात है और इसके जायके की वजह से इसकी आपूर्ति बिहार के सभी इलाकों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल, बंग्लादेश पाकिस्तान तक की जाती है।
मगही पान का 70 फीसदी उत्पादन देव के इसी इलाके में होता है। पान उत्पादकों के अनुसार 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पान की फसल के लिए बेहद नुकसानदेह होता है। लेकिन इस बार तापमान तीन डिग्री तक जा गिरा है , जिसकी वजह से पान के पत्ते पीले पड़कर तेजी से गलने लगे हैं।
सं सूरज
वार्ता
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