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सृजन घोटाला के दो मामलों में आरोप पत्र

पटना, 04 जनवरी (वार्ता) बिहार में अरबों रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाला के दो अलग-अलग मामलों में आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कुल आठ लोगों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
सीबीआई ने यह आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश सह अपर मुख्य न्यायाधिक दंडाधिकारी रवि कुमार की अदालत में दाखिल किया था लेकिन आरोप पत्र में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारायें जुड़ी रहने के कारण मामले के आरोप पत्र को ब्यूरो की विशेष न्यायाधीश श्रीमती गीता गुप्ता की अदालत को सौंप दिया गया। ब्यूरो ने यह आरोप पत्र भारतीय दंड विधान और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दाखिल किया है। दोनों आरोप पत्र स्वयंसेवी संस्था सृजन की मुख्य संचालिका मनोरमा देवी को मृत दिखाते हुए दायर किया गया है।
पहला मामला भागलपुर जिले के कोतवाली थाने में 20 सितंबर 2017 को दर्ज किया गया था। सीबीआई ने 2018 में इसकी जांच अपने हाथ में ली थी। आरोप पत्र के अनुसार, मामले के आरोपितों ने साल 2007 से 2010 के बीच महिला सशक्तिकरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं की नौ करोड़ 85 लाख रुपये से अधिक की राशि का घोटाला 12 चेक के माध्यम से किया था। इस मामले में सृजन की प्रबंधक सरिता झा, सहकारिता विभाग के अंकेक्षक सतीश कुमार झा, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन लिपिक संत कुमार सिन्हा, तत्कालीन शाखा प्रबंधक नवीन कुमार साह तथा एक अन्य प्रबंधक आनंद चंद्र दधई, इंडियन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुजीत राहा, लिपिक अजय कुमार पांडे एवं सहायक प्रबंधक हरेकृष्ण अदक आरोपित हैं।
वहीं, दूसरा मामला भी कोतवाली थाने में उक्त तिथि को ही दर्ज किया गया था जिसकी जांच अगले साल सीबीआई ने अपने हाथ में ली थी। इस मामले के आरोपितों ने कथित रूप से साल 2008 से 2013 के बीच 37 चेक के माध्यम से आठ करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी राशि सृजन संस्था की मुख्य संचालिका मनोरमा के साथ मिलकर गबन किया था। इस मामले के आरोपितों में सरिता झा, संत कुमार सिन्हा, सुजीत राहा, हरेकृष्ण अदक और नवीन कुमार साह शामिल हैं।
सं.सतीश
वार्ता
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