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दुमका में चार दिवसीय अखिल भारतीय शतरंज प्रतियोगिता शुरू

दुमका 10 जनवरी (वार्ता) झारखंड की उप राजधानी दुमका में आज से चार दिवसीय द्वितीय अखिल भारतीय विलो 1800 फिडे शतरंज प्रतियोगिता शुरू हुई, जो 13 जनवरी तक चलेगी।
दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी. और नगर पर्षद की अध्यक्षा श्वेता झा ने संयुक्त रूप से इस राष्ट्र स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ किया। चार दिनों तक चलने वाली इस अखिल भारतीय शतरंज प्रतियोगिता में बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों के लगभग दो सौ से अधिक ख्यातिप्राप्त शतरंज खिलाड़ी भाग लेने दुमका पहुंच गये हैं।
इससे पूर्व उपायुक्त राजेश्वरी बी. ने राष्ट्र स्तरीय इस प्रतियोगिता के उद्धाटन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में दुमका जैसे इलाके में इस तरह की राष्ट्रीय स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना बहुत ही गौरव की बात है। उन्होंने इसके लिए आयोजकों और प्रायोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शतरंज मानसिक सशक्तता का खेल है। इस खेल में उल्लेखनीय और बेहतर प्रदर्शन कर देश के विभिन्न क्षेत्रों के कई खिलाड़ियों ने ऊंचा मुकाम हासिल किया है।
श्रीमती राजेश्वरी ने इस खेल के प्रति खिलाड़ियों में बढ़ती रुचि तथा अभिभावकों द्वारा बच्चों को इस खेल के प्रति प्रोत्साहन किए जाने की सराहना करते हुए कहा कि आयोजन समिति के सदस्यों ने शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेने विभिन्न प्रदेशों से इस अल्पविकसित क्षेत्र में पहुंचे खिलाड़ियों के खाने-पीने, आवासन तथा आवागमन की बेहतर व्यवस्था करने का हरसंभव प्रयास किया है। उन्होंने विभिन्न प्रदेशों से पहुंचे खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने अपने संबोधन में दुनिया में क्रिकेट के माध्यम से देश का नाम रोशन करने वाले ख्यातिप्राप्त सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों की चर्चा की तथा ‘पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होगे खराब’ जैसी लोकोक्तियों का स्मरण कराते हुए कहा कि वर्तमान दौर में इस तरह की लोकोक्तियां अप्रासंगिक हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में खेल विशुद्ध रूप से व्यवसायिक हो गया है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी प्रतियोगिता में क्षमतावान खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के बल पर इसे अपना करियर बना कर अपने जीवन को धन्य बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुनियोजित ढंग से तैयारी कर खेलकूद के माध्यम से भी जीवन में ऊंचाइयों को प्राप्त किया जा सकता है।
सं सूरज
वार्ता
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