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पूर्व जिला जज के पुत्र अपहरण मामले में तीन दोषियों को सजा

पटना 17 जनवरी (वार्ता) बिहार में पटना की एक त्वरित अदालत ने एक पूर्व जिला जज के पुत्र के अपहरण मामले में आज तीन दोषियों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास के साथ ही 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
त्वरित अदालत संख्या दो के न्यायाधीश मोहम्मद अब्दुल सलाम ने मामले में सुनवाई के बाद गया जिले के अतरी थाना क्षेत्र निवासी रघुनंदन प्रसाद यादव, पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी जफरुद्दीन और पटना के ही आलमगंज थाना क्षेत्र निवासी दिलीप कुमार उर्फ नवीन को हत्या की नीयत से अपहरण करने का दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर सभी दोषियों को छह-छह महीने के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।
आरोप के अनुसार, मुंगेर जिले की पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा सिन्हा 10 मार्च 1998 को पटना व्यवहार न्यायालय में न्यायिक दंडाधिकारी के पद पर पदस्थापित थीं और छज्जू बाग स्थित सरकारी आवास में रह रही थीं। जब श्रीमती सिन्हा न्यायलय में अपना कार्य कर रही थी उसी समय छज्जू बाग स्थित सरकारी आवास के नजदीक बच्चों के साथ खेल रहे उनके पांच वर्षीय पुत्र का दोषियों ने पिस्तौल की नोंक पर अपहरण कर लिया था और एक सफेद कार से फरार हो गए थे। संयोगवश घटना के चश्मदीदों ने कार का नंबर नोट कर लिया था।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सघन जांच शुरू की और तीनों दोषियों को परसा बाजार थाना क्षेत्र में पीछा कर गिरफ्तार कर लिया था और बच्चे को भी सकुशल बरामद कर लिया था। आरोप साबित करने के लिए अभियोजन ने अदालत में आठ गवाहों का बयान कलमबंद कराया था।
सं सूरज शिवा
वार्ता
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