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माघी पूर्णिमा पर लोगों ने लगायी आस्था की डुबकी

पटना 09 फरवरी (वार्ता) माघी पूर्णिमा के अवसर पर बिहार में लाखों श्रद्धालुओं ने आज गंगा-गंडक के संगम समेत विभिन्न नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगायी तथा मंदिरों में पूजा-अर्चना की।
हिंदू धर्म के अनुसार माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व है।हिन्दी पंचांग के अनुसार ये माघ मास की अंतिम तिथि है। अगले दिन यानी 10 फरवरी से फाल्गुन मास शुरू हो जाएगा। इस पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा कहा जाता है। माघी पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि इस तिथि पर श्रीहरि गंगा में वास करते हैं। इस वजह से माघी पूर्णिमा पर गंगा स्नान का महत्व काफी अधिक है।पवित्र नदी में स्नान करने के अलावा सूर्य भगवान की पूजा और दान करने की परंपरा भी प्रचलित है।
माघी पूर्णिमा के मौके पर राजधानी पटना में देर रात से ही ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया, जो अभी तक जारी है। सुबह होते ही श्रद्धालु ‘हर-हर गंगे, जय गंगा मैया, हर-हर महादेव’ के जयकारे के साथ गंगा में डुबकी लगाने लगे। राजधानी पटना में गंगा तट के काली घाट, कृष्णा घाट, गांधी घाट, पटना कॉलेज घाट समेत विभिन्न घाटों पर आज तड़के से आस्था की डुबकी लगाने वालों का तांता लगा रहा। स्नान के बाद लोगों ने विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना की और दान किया। मंदिरों में भी अन्य दिनों की अपेक्षा पूजा-अर्चना करने वालों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।
राजधानी में माघी पूर्णिमा को लेकर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। विभिन्न घाटों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है। साथ ही बैरिकेटिंग की भी व्यवस्था की गई है।माघी पूर्णिमा के दिन एहतियात के तौर पर प्रशासन की ओर से निजी नौकाओं के गंगा नदी में परिचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जहां पुलिस जवान चौकस दिखे वहीं सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवान मुस्तैद हैं।
प्रेम सूरज
जारी वार्ता
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