राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Mar 19 2020 6:20PM डीएमसीएच में बंद पड़ा है वायरोलॉजी लैब, कोरोना की जांच प्रभावितदरभंगा, 19 मार्च (वार्ता) बिहार के बड़े अस्पतालों में शुमार दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) के वायरोलॉजी लैब में विभिन्न प्रकार के वायरस की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनों के होने के बावजूद कोरोना (कोविड 19) की जांच प्रभावित है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में वायरोलॉजी लैब के बने बरसों बीत गए। लैब में जरूरत के लिए तमाम मशीनें भी उपलब्ध है लेकिन यहां किट की कमी एवं प्रशिक्षित कर्मी के अभाव में अधिकांश मशीनें सफेद हाथी साबित हो रही है। कोरोना वायरस समेत अन्य वायरस की जांच के लिए वायरोलॉजी लैब में चार रियल टाइम पीसीआर (आरटी पीसीआर) मशीनें उपलब्ध हैं। देश में कोरोनावायरस को लेकर बनाए गए 58 कलेक्शन सेंटर की सूची में दरभंगा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोलॉजी विभाग का नाम दसवें स्थान पर है लेकिन यहां जांच के किट और प्रशिक्षित कर्मी के नहीं होने के कारण कोविड वायरस की जांच के लिए संदिग्ध मरीजों का सैंपल पटना के राजेंद्र मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट भेजना पड़ रहा है।इस बीच डीएससीएच के प्राचार्य डॉ. एच एन झा ने वायरोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर मशीन होने की जानकारी मिलने पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग के दो तकनीशियनों को प्रशिक्षण के लिए लखनऊ के आईसीएमआर केंद्र भेजने का निर्देश दिया है। वहीं, माइक्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आर एस प्रसाद ने बताया कि वायरोलॉजी लैब में 4 आरटीपीसीआर मशीन है। यहां के दो तकनीशयनो को प्रशिक्षण के लिए आज ही लखनऊ भेजा गया है।जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम का कहना है कि दरभंगा में तत्काल सैंपल कलेक्शन सेंटर को शुरू किया जाएगा। बशर्ते कि बिहार सरकार और भारत सरकार मशीन को उपयोगी माने।गौरतलब है कि वर्ष 2013 में करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल में वायरोलॉजी लैब का निर्माण निर्माण किया गया था। यह लैब देश के गिने चुनै बीएसएल ग्रेड 3 लैब में शामिल है। सं.सतीशवार्ता